करनाल | हरियाणा से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां करनाल में रहने वाले एक बुजुर्ग दंपति विवाह के 43 साल बाद तलाक ले लिया. इस समय व्यक्ति की उम्र 69 साल, जबकि महिला की आयु 73 साल है. दोनों ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की मध्यस्थता और सुलह केंद्र की मदद के बाद अलग- अलग होने का फैसला लिया.
दोनों का विवाह 27 अगस्त 1980 को हिंदू रीति- रिवाजों के अनुसार हुआ था. विवाह के बाद दोनों के 2 बेटियां और 1 बेटे के रूप में 3 संतानें थी. समय बीतने के साथ- साथ दोनों के रिश्ते में भरोसा खत्म होने लगा और दूरियां बढ़ती चली गई. दोनों 8 मई 2006 से अलग रह रहे थे.
पति ने फैमिली कोर्ट में लगाई याचिका
- फैमिली कोर्ट में याचिका दायर कर मानसिक क्रूरता का हवाला दिया.
- जनवरी 2013 में कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी.
- पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में तलाक की याचिका दायर की.
तलाक पर बनी सहमति
हाईकोर्ट ने 4 नवंबर 2024 को इस मामले को सुलह और समझौते के लिए मध्यस्थता केंद्र में भेजा. मध्यस्थता के दौरान पति, पत्नी और उनके तीनों बच्चों ने 3.07 करोड़ के भुगतान पर शादी समाप्त करने पर सहमति जताई. जमीन और फसल बेचकर व्यक्ति ने इस राशि का भुगतान कर दिया.
मरने के बाद संपत्ति पर नहीं ठोक सकते दावा
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने इस दौरान स्पष्ट किया कि 3.07 करोड़ की राशि स्थायी गुजारा भत्ता मानी जाएगी. इन पैसों के अलावा पत्नी और बच्चे, पति या उसकी संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं जताएंगे. अगर पति की मौत भी हो जाती है, तो वह उसकी संपत्ति पर दावा नहीं कर सकते हैं.
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