चंडीगढ़ | पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार ने साल 2014 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के लिए तीन अलग- अलग पॉलिसी बनाई थीं. पहली पॉलिसी 18 जून 2014 को बनाई गई, जिसमें तीन साल पूरे करने वाले लगभग पांच हजार कर्मचारियों को पक्का कर दिया गया. जून 2018 में हाईकोर्ट ने 2014 की नियमितीकरण पॉलिसी पर रोक लगाते हुए 2016 में पक्के हुए पांच हजार कर्मचारियों के साथ कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे दूसरे सभी कर्मचारियों को हटाने के आदेश जारी कर दिए थे.
हुड्डा की सरकार में पक्के हुए कर्मचारियों को मिलेगा प्रमोशन
इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट जा पहुंचा था, जिसने 26 नवंबर 2018 को यथास्थिति बनाए रखने का आदेश जारी कर दिए. फिर प्रदेश सरकार ने 18 जून 2020 को इन कर्मचारियों के प्रमोशन पर रोक लगा दी थी, पर अब इन कर्मचारियों को पदोन्नति दी जाएगी. हरियाणा में 10 साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में पक्के हुए कर्मचारियों को अब सरकार पदोन्नति देगी. साल 2014 की पॉलिसी के तहत पक्के हुए कर्मचारियों को सरकार ने राहत देते हुए पदोन्नति देने का फैसला लिया है.
करीबन 5000 कर्मचारियों को होगा लाभ
पिछली 13 जून से इन कर्मचारियों को पहली पदोन्नति और एश्योर्ड करियर प्रमोशन (एसीपी) का लाभ मिलेगा. सरकार के इस फैसले से लगभग पांच हजार कर्मचारियों को लाभ होगा. ये पदोन्नतियां सुप्रीम कोर्ट के फाइनल फैसले पर निर्भर करेंगी. सरकार ने साफ किया है कि यह कर्मचारी पदोन्नति या प्रथम एसीपी स्केल के लाभ के लिए पात्र होंगे, पर इसका लाभ लेने के लिए जरूरी है कि वे पात्रता शर्तें पूरी करते हों.
मानव संसाधन विभाग ने जारी किये निर्देश
प्रदेश के मुख्य सचिव के अधीनस्थ मानव संसाधन विभाग ने इस बारे में सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्ष, बोर्ड व निगमों के प्रबंध निदेशक और मुख्य प्रशासक, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार, मंडलायुक्तों और उपायुक्तों को निर्देश जारी कर दिए हैं.
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!