रोहतक । रोहतक पीजीआई के ट्रामा सेंटर में मंगलवार को बड़ा हादसा होने से बच गया. जिन मरीजों को आक्सीजन लगाईं गई थी, अचानक आक्सीजन पाइपों में फ्लो कम होने से आक्सीजन पूरी मात्रा में न मिलने से परेशानी होने लगी. डाक्टरों ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत नए आक्सीजन सिलेंडर लगवाएं. इसके बाद कई लोगों की जान में जान आई.
दरअसल हुआ यूं कि ट्रामा सेंटर में अचानक मरीजों की संख्या बढ़ गई और आक्सीजन के सभी आउटलेट खोल दिए गए. इसका असर ये हुआ कि आक्सीजन का प्रेशर कम हो गया. मरीजों को जितनी मात्रा में आक्सीजन मिल रही थी, उतनी नहीं मिल पाईं. इसका पता लगते ही ट्रामा सेंटर में हड़कंप मच गया.
ट्रामा सेंटर संभाल रहे डॉ संदीप तुरंत आक्सीजन सिलेंडर रुम में पहुंचे और सहयोगियों की मदद से नए सिलेंडर से पाइप लाइन को जोड़ा गया. डाक्टरों का कहना था कि समय रहते सिलेंडर नहीं लगाएं जातें तो बड़ी घटना हो सकती थी. डॉ संदीप ने बताया कि हमारे पास ट्रामा सेंटर में 400 आक्सीजन सिलेंडर रिजर्व रखें हुए थे.
सभी बेड पर आक्सीजन सप्लाई
कोरोना के बढ़ते मामलों की संख्या को देखते हुए मनोरोग विभाग कोविड अस्पताल में 70 बेड की व्यवस्था की गई है. जिसमें सभी बेड पर आक्सीजन सप्लाई उपलब्ध है. यदि जरूरत पड़ी तो इसके बाद लाला श्याम लाल बिल्डिंग को भी कोविड 19 अस्पताल बना दिया जाएगा. : डॉ पुष्पा दहिया, चिकित्सा अधीक्षक, पीजीआईएमएस
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