सांसों की सौदेबाजी: 15 मिनट की ऑक्सीजन है, मरीजों को ले जाओ…ये है अस्पतालों का हाल

रोहतक | कोरोना काल में सांसों की सौदेबाजी की जा रही है. कुछ प्राइवेट अस्पतालों की ओर से ऑक्सीजन और दवाओ को लेकर मरीजों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. अस्पतालों में मरीजों को अचानक ऑक्सीजन खत्म होने का हवाला देकर खुद ही प्रबंध करने के आदेश दिए जाते हैं. दूसरी और निजी तौर पर किसी को ऑक्सीजन सिलेंडर देने की प्रशासन ने मनाही कर रखी है.

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अस्पताल वाले कर रही है जीवन की सौदेबाजी

इसी मुद्दे को लेकर अस्पताल के बाहर हंगामा किया जा रहा है. मरीजों को शिफ्ट करने के लिए एंबुलेंस वालों से लेकर अस्पताल में बेड देने वाले तक सौदेबाजी कर रहे हैं. कई अस्पतालों ने रात को अचानक तीमारदारों को बोल दिया कि 15 से 30 मिनट की ऑक्सीजन बची हुई है,  जल्द से जल्द खुद ही ऑक्सीजन का अरेंजमेंट करो. अगर ऐसा नहीं कर सकते तो मरीज को ले जाओ.

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कई अस्पतालो में मुंह मांगे रेट पर बैड दिया जा रहा है, एंबुलेंस वाले भी मात्र 1 किलोमीटर के रास्ते के लिए ₹3000 तक चार्ज कर रहे हैं. इसका खुलासा खुद तीमारदारों द्वारा किया गया है. जज की मां प्राइवेट अस्पताल में भर्ती है उन्होंने अधिकारियों को फोन लगाया लेकिन किसी ने भी फोन नहीं उठाया. उसके बाद अधिकारी के घर जाकर विरोध किया, लेकिन इस पर कोई भी सुनवाई नहीं हुई.

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ऑक्सीजन के लिए तड़पता रहा युवक

सोनीपत रोड पर एक प्राइवेट अस्पताल में 73 वर्षीय ससुर राजेंद्र सिंह की सेवा में लगे सेक्टर 4 निवासी हरबीर गुलिया ने बताया कि शुक्रवार को अस्पताल में दो बार ऑक्सीजन खत्म हो गई. मेरे सामने एक लड़का तड़प रहा था.  एक डॉक्टर के बुजुर्ग पिता ने भी दम तोड़ दिया. उन्होंने कहा कि अस्पताल में दोपहर 3:00 बजे 5 सिलेंडर और 7:30 बजे 15 सिलेंडर है, अस्पताल वालों ने अचानक सुबह 9:15 बजे कहा कि ऑक्सीजन खत्म हो रही है. अस्पताल वालों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.

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मानसरोवर पार्क के नजदीक प्राइवेट अस्पताल में 67 वर्षीय माता का इलाज करवा रहे अनुराग जैन ने बताया कि गुरुवार रात 2:30 बजे अस्पताल के 40 मरीजों को मैसेज दिया गया कि 15 मिनट की ऑक्सीजन बची है. मरीजों को जल्दी से जल्दी शिफ्ट करो. तीमारदारों ने सड़क पर इसका विरोध जताया. जिले के अधिकारियों को फोन किया लेकिन किसी ने भी फोन नहीं उठाया.

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