नई दिल्ली । पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा चुनाव में हुई ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस की जीत और भारतीय जनता पार्टी की हार पर टिकरी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने खुशियां मनाई. आंदोलन कर रहे किसानों के अनुसार यह टीएमसी की नहीं बल्कि किसानों की जीत है. किसान विरोधी सरकार को बंगाल की जनता ने हरा दिया है. इस दौरान आंदोलनकारी किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की. किसानों ने कहा कि भाजपा को आइना दिखाना बहुत आवश्यक था.
किसानों ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को किसान विरोधी फैसले लेने की वजह से ही इस हार का सामना करना पड़ा है. उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के जुमले और 50 रैलियां कोई काम नहीं आई. बीजेपी के विरुद्ध आंदोलनकारी किसान बंगाल चुनाव में बंगाल गए थे. बंगाल में भारतीय जनता पार्टी को अपनी इस हार को देख कर तीनों ने कृषि कानूनों को तुरंत रद्द कर देना चाहिए. नहीं तो जब तक तीनों कृषि कानून पूर्ण रूप से रद्द नहीं होते तब तक यह किसान आंदोलन जारी रहेगा.
किसानों के अनुसार इस किसान आंदोलन को समाप्त करने हेतु भारत सरकार अलग-अलग प्रकार के कानून बनाने में जुटी हुई है. 11 बार सरकार की किसान नेताओं के साथ बैठक हो चुकी है. परंतु सरकार द्वारा हर बार किसानों को दबाने का नया-नया हथकंडा अपनाया गया है. सरकार कोरोना के संबंध में प्रतिदिन झूठ बोलती है. विदेशों में ऑक्सीजन और वैक्सीन के पर्याप्त होने की अफवाह को फैला कर सरकार भारत के लोगों को गुमराह कर रही है.
भारत सरकार अपनी सभी नाकामयाबियों को छिपाने में लगी है. आंदोलनकारी किसानों के अनुसार फसलों की कटाई के मौसम में भी हमने अपना हौसला नहीं छोड़ा. भारत सरकार स्वयं तो रैली कराकर भीड़ जमा करती है और दूसरों को कोरोना का भय दिखाती है.
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