नई दिल्ली | कोरोना महामारी की दूसरी लहर से देश में हालात बदतर होते जा रहे हैं. मोदी सरकार ने दूसरी लहर के दौरान कोरोना संक्रमण की चैन को तोड़ने के लिए एक बार फिर कमर कस ली है. खबर है कि केन्द्र सरकार एक बार फिर से आने वाले 21 दिनों के लिए पूरे देश में सम्पूर्ण लाकडाउन लगा सकती है. सबसे बड़ी बात इस लॉकडाउन के दौरान स्थिति संभालने की जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस की बजाय सेना के कंधों पर डाली जा सकती है.
पूरे लॉकडाउन के दौरान सेना संभालेंगी मोर्चा
एक बार फिर से लॉकडाउन की आंशका को देखते हुए सेना और अर्धसैनिक बलों को अलर्ट कर दिया गया है. कोरोना संक्रमण की दूसरी पीक ने देश में तबाही का मंजर बना दिया है. संक्रमण की बढ़ती गति से देश की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. ज्यादातर राज्यों के अस्पतालों में बेड्स, डाक्टर, ऑक्सीजन, मेडिसिन और अन्य चिकित्सीय उपकरणों की भारी कमी ने स्वास्थ्य विभाग के दावों की पोल खोल कर रख दी है. लोगों में चिकित्सीय सुविधाओं की कमी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. रोजाना 3 लाख से ऊपर कोरोना संक्रमित केस सामने आ रहे हैं तथा हजारों की संख्या में लोग इस बीमारी से मर रहे हैं.
तेजी से बढ़ रहे संक्रमण के मद्देनजर कुछ राज्यों ने एक सप्ताह के लिए लाकडाउन लागू किया हुआ है तो किसी किसी जिले या शहरों में नाइट कर्फ्यू या वीकेंड कर्फ्यू लगाया गया है. बावजूद इसके संक्रमित केसों की संख्या में कोई विशेष गिरावट नहीं देखी जा रही है.
ऐसे में यह खबर निकलकर सामने आ रही है कि राज्य सरकारों द्वारा संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए उठाए जा रहे एहतियाती कदम से काम नहीं चलने की स्थिति में केन्द्र सरकार बड़ा फैसला लेने के मूड में नजर आ रही है. मीडिया से मिली गुप्त सूचनाओं के आधार पर यह कहां जा रहा है कि केन्द्र सरकार आने वाले दिनों में कम से कम 21 दिनों के लिए लॉकडाउन लगा सकती है.
हालांकि रविवार की देर रात सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले में केन्द्र सरकार को यह सलाह जरूर दी गई है कि सरकार को कुछ दिनों के लिए लॉकडाउन लगाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि कोरोना टास्क फोर्स , वैज्ञानिक और डाक्टर के द्वारा कही गई बातों के अनुसार कोरोना संक्रमण की चैन को तोड़ने के लिए सम्पूर्ण लाकडाउन ही एकमात्र विकल्प है तो सरकार को इसके बारे में गंभीरता से विचार करना चाहिए.
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