चंडीगढ़ । हरियाणा सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय ने निजी स्कूलों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम से जुड़ी पुस्तके लागू करने के आदेश जारी किए हैं. बता दें कि अब निजी स्कूल अपनी मनमर्जी से निजी प्रकाशकों की पुस्तकों को बच्चों पर नहीं थोप पाएंगे. इसके साथ ही अब वह मोटा मुनाफा नहीं कमाएंगे, क्योंकि प्रदेशभर के अधिकांश निजी स्कूलों में कमीशन खोरी के चक्कर में निजी प्रकाशकों की पुस्तकें लगाई जाती है. बता दें कि इसी को लेकर 2016 से मामला पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में भी चल रहा है.
पहले नहीं थे शिक्षा निदेशक के पास अधिकार
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने हाई कोर्ट में यह दलील दी थी कि अधिकतर निजी स्कूल अपने मुनाफे व स्वार्थ के लिए निजी प्रकाशकों की बुक लागू कर रहे हैं. बता दे कि पहले शिक्षा नियमावली 2003 के संशोधित नियम 10 के अनुसार निजी स्कूलों में कोई भी पुस्तक लगाए जाने का प्रावधान था. वहीं शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि 2016 में कुछ निजी स्कूल संगठन उनके स्कूलों मे प्राइवेट प्रकाशको की पुस्तके लागू करने वाले थे, तब उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.
इसी मामले में संगठन द्वारा निजी प्रकाशकों की इस मांग को गलत ठहराया गया था. बता दें कि फिलहाल यह मामला हाई कोर्ट में चल रहा है. लेकिन अब हरियाणा सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय पंचकूला ने भी आदेश दिए हैं कि सभी स्कूलों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम की पुस्तके ही लागू की जाएंगी. सेकेंडरी निदेशालय ने यह आदेश प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों व मौलिक शिक्षा अधिकारियों को दिए हैं.
नियमों में किया गया संशोधन
वहीं स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि शिक्षा नियमावली 2003 में शिक्षा निदेशक को ऐसा कोई अधिकार नहीं था, वो पाठ्यक्रम में एनसीईआरटी की पुस्तकें लागू करें. हरियाणा सरकार द्वारा इसमें संशोधन कर यह अधिकार अब शिक्षा निदेशक को दिया गया है. हरियाणा में किसी भी बोर्ड से संबंधित रखने वाले सभी निजी स्कूलों में अब एनसीईआरटी पाठ्यक्रम की पुस्तके ही लागू करनी होगी. स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश सचिव भारत भूषण बंसल ने बताया कि हरियाणा सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय ने सभी निजी स्कूलों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम की पुस्तकें अनिवार्य रूप से लागू करने के आदेश, अभिभावकों की लंबी लड़ाई की जीत है.
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