नई दिल्ली । टिकरी बार्डर पर जारी किसान आंदोलन में पश्चिम बंगाल की युवती से किसान सोशल आर्मी के तंबू में हुएं गैंगरेप के मामले में नया विवाद खड़ा हो गया है. युवती के पिता ने संयुक्त किसान मोर्चा की प्रेसवार्ता में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ अपनी शिक़ायत में 2 व्यक्ति अनिल मलिक व अनूप चानौत का ही नाम दर्ज कराया था जबकि पुलिस ने 6 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है.
युवती के पिता ने कहा कि जो महिलाएं उनकी बेटी की सहायता कर रही थी,पता नहीं पुलिस ने किस आधार पर उन्हें भी आरोपी बनाया है. युवती के पिता ने सोमवार को दोबारा से बहादुरगढ़ सिटी थाने में एक पत्र देकर इस मामले में सिर्फ अनिल व अनूप चानौत के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की है.
हालांकि बहादुरगढ़ सिटी थाना प्रभारी विजय कुमार ने कहा कि हमने युवती के पिता की शिक़ायत को ही आधार मानकर 6 लोगों को आरोपी बनाया है. जैसे जैसे जांच आगे बढ़ेगी, सभी की भूमिका स्पष्ट हो जाएगी. पुलिस ने रविवार देर रात उस हस्पताल की सीसीटीवी फुटेज और डीवीआर कब्जे में ली है जहां पर युवती को इलाज के लिए लाया गया था. फुटेज के माध्यम से पुलिस यह पता लगाने की कोशिश करेंगी कि युवती को हस्पताल कौन लेकर आएं थे और इस दौरान युवती से मिलने के लिए कौन -कौन आये थे. पुलिस ने हस्पताल प्रशासन से युवती की मेडिकल रिपोर्ट भी उपलब्ध कराने को कहा है.
उधर मामला सार्वजनिक होने के बाद गृहमंत्री अनिल विज ने डीजीपी मनोज यादव को कड़ी जांच के आदेश दिए हैं. गृहमंत्री विज ने दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ़्तार करने के आदेश दिए हैं.
फॉरेंसिक टीम ने सैंपल लिए
वहीं फॉरेंसिक टीम ने बार्डर पर जाकर उस तंबू में सैंपल लिए है जहां युवती ठहरी हुई थी. पुलिस को युवती की डेथ आडिट रिपोर्ट का इंतजार है , जिससे पता चल सकेगा कि युवती की मौत की असली वजह कोरोना है या कोई और. युवती के मोबाइल नंबर की डिटेल्स खंगाली जा रही है.
पीड़िता की पहचान उजागर की
सुप्रीम कोर्ट की सख्त गाइडलाइंस है कि किसी भी रेप पीड़िता की पहचान उजागर नहीं की जा सकती लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा की प्रेसवार्ता में तो ऑनलाइन लाइव दिखाया गया और उनसे पूरी घटना के बारे में जानकारी दिलवाई गई.
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