यमुनानगर I हरियाणा में नए कृषि कानून का विरोध तेज़ हो गया है. किसानों में नए कृषि विधेयक को लेकर पहले ही रोष फैला हुआ था. अब विपक्ष ने भी किसानों की सहायता के लिए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. नए कृषि विधेयकों के विरुद्ध, प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अपने आंदोलन का द्वितीय चरण आरम्भ करने की घोषणा कर दी है. कांग्रेस 3 कृषि विधेयकों के विरुद्ध पूरे हरियाणा में विरोध प्रदर्शन करने वाली है.
इस विरोध प्रदर्शन का एलान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में हरियाणा कांग्रेस प्रभारी विवेक बंसल, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा, रणदीप सिंह सुरजेवाला और सचिव आशीष दुआ ने किया.
निकाला जाएगा पैदल मार्च
प्रेस कॉन्फ्रेंस में विवेक बंसल ने बताया है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के नेतृत्व में 28 सेप्टेंबर 2020 को एक पैदल मार्च “प्रदेश कांग्रेस कार्यालय” से “हरियाणा राज भवन” तक निकाला जाएगा, जो इन 3 कृषि विधेयकों को रद्द करने की माँग करेगा.
2 अक्टूबर 2020 किसानों-मजदूरों को समर्पित
उन्होंने यह भी बताया है कि 2 अक्टूबर 2020 को गांधी जयंती का दिन हरियाणा के प्रत्येक विधानसभा और जिला मुख्यालय में हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा ‘किसान-मजदूर बचाओ दिवस’ के रूप में मनाया जायेगा. 10 अक्टूबर 2020 को राज्य स्तरीय किसान सम्मेलन का आयोजन होगा.
चलेगा हस्ताक्षर अभियान
नए कृषि विधेयकों के विरुद्ध 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक हस्ताक्षर आंदोलन चलाया जाएगा. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा का कहना है कि संसद में ये विधेयक BJP ने लोकतंत्र की हत्या कर पास कराये है और किसानों-आढ़तियों के साथ अन्याय किया है.
विपक्ष की माँगे
कांग्रेस ने BJP सरकार के सामने मांग रखी है कि सरकार एक और कानून बनाये और इस कानून में यह सुनिश्चित करे कि किसानों को हर परिस्थिति में उनकी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य अवश्य मिलेगा. आंकड़ो का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पहले ही कृषि मंडी उपज कानून को अधिक व्यापक बनाने की मांग की थी.