हिसार । कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच अब ब्लैक फंगस कहर बरसा रही है. ब्लैक फंगस से होने वाली बीमारी का खतरा कोरोना से संक्रमित ऐसे मरीजों को अधिक है जिनको पहले से ही स्टेरॉयड दिया गया है और शुगर है. ब्लैक फंगस का साइंटिफिक नेम म्यूकर माइकोसिस है. हरियाणा राज्य में मई के महीने में इस खतरनाक बीमारी के 30 मरीज पाए जा चुके हैं. इनमें से एक मरीज की मृत्यु भी हो गई है.
रोहतक पीजीआई में आए 21 मामले
आपको बता दें कि यह कोई नई बीमारी नहीं है. रोहतक जिले के पंडित भगवत दयाल शर्मा पोस्ट ग्रैजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में सितंबर 2020 से लेकर अप्रैल 2021 की समय अवधि में अर्थात 8 महीने के अंदर इस बीमारी के 21 मामले सामने आए थे. परंतु पिछले 15 दिनों में 6 और नए केस आ चुके हैं. इन सभी मरीजों का ऑपरेशन होना है. इनमें से एक मरीज जिस की स्थिति बहुत गंभीर थी, उसकी मृत्यु हो चुकी है.
रोहतक पीजीआई के अतिरिक्त झज्जर और फतेहाबाद में एक-एक मामला, करनाल में दो मामले, फरीदाबाद में 6 मामले और गुरुग्राम में 14 मामले सामने आए हैं. रोहतक पीजीआईएमएस के ENT विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर रमन कुमार ने जानकारी देते हुए कहा है कि कोरोना महामारी में ब्लैक फंगस के केस बहुत अधिक बढ़ गए हैं. अधिकतर ऐसे लोगों को इस बीमारी की शिकायत हो रही है जो कोरोना संक्रमण से ठीक हो गए हैं और शुगर है.
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