नई दिल्ली । पूरे देश और प्रदेश में आतंक मचाने के बाद कोरोना महामारी तो अब धीमी पड़ती दिखाई दे रही है, लेकिन अब एक और बीमारी ने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं. ब्लैक फंगस नामक बीमारी के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है. हरियाणा में कुल मिलाकर अब तक 350 मरीज मिल चुके हैं. साथ ही ऐसे मरीजों की संख्या 50 है जिनमे इस बीमारी के लक्षण दिखाई दे रहे हैं. ऐसे में शासन-प्रशासन भी अलर्ट मोड़ पर है. गौरतलब है कि ब्लैक फंगस को पहले ही अधिसूचित रोगों की सूची में डाला गया है, जिसके तहत अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि इस बीमारी से संबंधित कोई भी मरीज मिलते ही तुरंत संबंधित सीएमओ को सूचना देनी होगी.
बता दें कि दिन 50 संदिग्ध मरीजों को भर्ती किया गया है उनकी अभी रिपोर्ट आनी बाकी है. ऐसे में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या 400 तक पहुंच सकती हैं. इस बीमारी में बचाव के लिए डॉक्टर इंजेक्शन में एंफोटरीसिन बी और लाइपोसोमल मिश्रित दवा की मांग कर रहे हैं. इन दोनों सॉल्ट के इंजेक्शन फिलहाल बाजार में उपलब्ध नहीं है. कुछ दिन पहले तक ये इंजेक्शन बड़ी कंपनियां और उनके डिस्ट्रीब्यूटर सहित बड़े फार्मासिस्ट के पास थे. लेकिन अब सरकारों ने इनका स्टॉक अपने पास जमा करवा लिया है. ऐसे में इन इंजेक्शन की कालाबाजारी चल रही है. लेकिन बड़े अस्पतालों में या बड़े डाक्टर इस इंजेक्शन को इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं. इसका कारण है कि अकेले एंफोटरइसिन बी के इस्तेमाल से मरीजों की किडनी पर असर पड़ने की संभावना रहती है.
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