लोगों की सांसें बचाने वाली ऑक्सीजन ब्लैक फंगस को दे रहीं हैं प्राणवायु

भिवानी । कोरोनाकाल  में लोगों के जीवन की रक्षक बनीं ऑक्सीजन ही अब ब्लैक फंगस बीमारी को निमंत्रण दे रही है. चिकित्सकों की देखरेख में दी जाने वाली आक्सीजन जहां सांसें बचाने का कार्य कर रही है वहीं होम आइसोलेट रोगियों को इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि कितनी मात्रा में आक्सीजन लेने की जरूरत है. कम आक्सीजन लेने पर सांस लेने में दिक्कत होती है वहीं ज्यादा मात्रा ब्लैक फंगस को आमंत्रित कर रही है. वहीं दूसरी तरफ जिस जगह पर आक्सीजन का निर्माण किया जा रहा है वहां पर भी नियमों की अनदेखी की जा रही है.

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जरुरत बढ़ने पर जब आक्सीजन की डिमांड बढ़ी तो क्रिस्टल वाटर की जगह नोर्मल पानी के साथ ही आक्सीजन का निर्माण किया गया. इस पानी के अंदर बैक्टीरिया की मात्रा अधिक होती है जिसकी वजह से ब्लैक फंगस का डस भी लोगों को झेलना पड़ रहा है. जिन घरों में एसी लगें हुए हैं वो भी ब्लैक फंगस के बैक्टीरिया को निमंत्रण दे रहे हैं क्योंकि ठंड वाली जगह इस बैक्टीरिया के पनपने के लिए उचित होती है.

इसलिए अब घर में होम आइसोलेट रोगियों को सलाह दी जा रही है कि वे डाक्टरों की सलाह से ही आक्सीजन मरीजों को दें ताकि ब्लैक फंगस के डस से बचा जा सके.दांतों में होने वाला पायरिया रोग भी इस बीमारी को निमंत्रण दे रहा है. नाक से जब बैक्टीरिया मुंह में प्रवेश करतें हैं तो पायरिया रोगियों को ओर अधिक सावधान रहने की जरूरत होती है.

जागरुकता बेहद जरूरी

इस बारे में डिप्टी सीएमओ डॉ विनोद ने बताया कि अधूरी जानकारी कोरोना संक्रमण और ब्लैक फंगस दोनों के लिए घातक हो सकती है. बगैर डाक्टरों की सलाह के आक्सीजन ना लें. जो लोग घरों में आइसोलेट है वे एसी का प्रयोग ना करें. पायरिया रोगियों को खाने के बाद ब्रुश करना चाहिए. आक्सीजन की मात्रा घटाने या बढ़ाने से पहले चिकित्सकों से विचार-विमर्श करे.

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