नई दिल्ली | दिल्ली एनसीआर में स्थित गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में चंडीगढ़ के मूल निवासी भारती हुए थे. यहां पर उनको एंटीबॉडी कॉकटेल ड्रग (मोनोक्नोनल एंटीबॉडी थेरेपी) दी गई है. आपको बता दें कि वह देश के पहले मरीज है जिन्हें यह ड्रग दी गई है. मेदांता मेडिसिटी अस्पताल के प्रबंधन ने बताया है कि यह वही दवाई है जो डोनाल्ड ट्रंप को कोरोना पॉजिटिव होने पर दी गई थी. प्राप्त तथ्यों के आधार पर आपको बता दें कि दवा कंपनी रोश इंडिया तथा सिप्ला ने एंटीबॉडी कॉकटेल ड्रग को भारत में लांच करने की घोषणा की थी. इस एक एंटीबॉडी की कीमत करीबन 59,750 रुपए है. यह एंटीबॉडी कोरोना संक्रमण के गंभीर मरीजों को दी जाती है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मोहब्बत सिंह पिछले 5 दिनों से मेदांता अस्पताल में इलाज ले रहे है. इसके साथ यह भी जानकारी मिली है कि वह अपने बेटे के पास कुछ दिनों पहले ही रहने आए थे. इन्हें मंगलवार को एंटीबॉडी कॉकटेल ड्रग दिया गया था. डॉक्टर टीम ने बताया है कि यह ड्रग शरीर में बहुत तेजी से एंटीबॉडी बनाता है जिससे शरीर में कोरोना संक्रमण कम हो जाता है. अगर इस दवा को संक्रमण के शुरुआत में ही दिया जाए तो मरीज को गंभीर होने से बचाया जा सकता है. इस दवा से मरीजों की मौतों में 70 प्रतिशत की कमी हो जाती है.
मेदांता मेडिसिटी के चेयरमैन तथा प्रबंध निदेशक डॉ नरेश त्रेहान ने बताया है कि हमें इस बात की बहुत खुशी है कि मोनोक्नोनल एंटीबॉडी थेरेपी भारत तक पहुंच गई है. यह कोरोना संक्रमण पर बहुत जल्दी से असर दिखाती है. उन्होंने साथ में यह भी कहा है कि हम अधिक से अधिक मरीजों को यह थेरेपी देखकर उनके जीवन की सुरक्षा करेंगे.
क्या है मोनोक्नोनल एंटीबॉडी थेरेपी
आपको बता दें कि इस थेरेपी को प्लाज्मा थेरेपी से भी ज्यादा कारागार तथा सही माना जाता है. यह एंटीबॉडी थेरेपी मानव निर्मित है तथा यह वास्तव में जीवन की ज्यादा उम्मीद जगाती है. यह प्लाजमा थेरेपी की तरह इम्यूनिटी को जल्दी से बढ़ाकर मौत के खतरे को कम कर देती है.
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