Mera Pani Meri Virasat Yojana: क्या है “मेरा पानी मेरी विरासत योजना”? ऐसे उठाये लाभ

चंडीगढ़, Mera Pani Meri Virasat Yojana | हरियाणा में तेजी से गिरते भू-जल स्तर से चिंतित होकर हरियाणा सरकार ने धान का रकबा घटाने के लिए ‘मेरा पानी मेरी विरासत’ योजना की शुरुआत की थी, जिसमें धान की बजाय अन्य कोई फसल बोने वाले किसान को 7000 की रु दिए जायेंगे. मौसम में पूर्वानुमान लगाने वाली एजेंसी स्काइमेट के महानिदेसक जतिन सिंह के मुताबिक “गिरते भू-जल स्तर की कमी ने पंजाब और हरियाणा को धान से इतर फसल उगाने पर मजबूर कर दिया है.

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सरकार चाहती है कि धान की बुवाई पिछले सीजन के मुकाबले आधे रकबे में ही हो, इसके लिए हरियाणा सरकार मक्का और दलहन जैसी तमाम फसलें उगाने पर उपज MSP पर खरीदने ओर ‘बूंद’ सिंचाई तकनीक अपनाने पर 85 प्रतिशत सब्सिडी भी देने को तैयार है. राज्य में हर साल धान के क्षेत्र से 1.0 मीटर भू-जल स्तर में गिरावट देखने को मिल रही है, भावी पीढ़ियों को बचाने के लिए राज्य सरकार ने 1.00 लाख हेक्टेयर जमीन में धान की फसल नही उगाने का लक्ष्य रखा है, बता दें अब तक किसान 72000 हेक्टेयर जमीन में धान की फसल न उगाने का फैसला ले चुके हैं.

332 किसान ऐसे हैं जिन्होंने बोरवेल बनवाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवा लिया है प्रदेश में 1 हज़ार बोरवेलों का निर्माण होना है. एक बोरवेल पर तक़रीबन डेड लाख खर्च आएगा, जिसमें 90 फीसदी खर्च सरकार देगी, वहीं 10 फीसदी किसानों को देना होगा. खबरों के मुताबिक़ रतिया, गुहला ब्लॉक, और इस्माइलाबाद में सबसे पहले इसे लागू किया जाएगा. जो किसान धान की बजाय फलदार पौधे और सब्जियों की खेती करेंगे, उन्हें हरियाणा सरकार 7000 रु. मुआवजे के रूप में देगी. इस योजना में बाजरा, मक्का, दलहन के उत्पादन को सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा. प्रदेश में जहां भू-जल स्तर नीचे है वहां यह योजना लागू होगी, जैसे- सीवान, गुहला, रतिया, पीपली, शाहबाद, बबैन, इस्माइलाबाद और सिरसा.

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पानी के अति दोहन के मूल कारण

  • अधिक पानी की मांग वाली गेहूं-धान की फसल-चक्र की निरंतर खेती करने से पानी की समस्या पैदा हुई.
  • गेहूं और धान की फसल में सिंचाई विधी से पानी का ज्यादा प्रयोग होता है, यानी पानी की बर्बादी होती ह

योजना के उद्देश्य:

  • भू-जल स्तर को बनाए रख सकेंगे, और संसाधनों के संरक्षण को भी बढ़ावा मिल सकेगा.
  • धान गेहूं चक्र के कुप्रभाव से मिट्टी के स्वास्थ्य को बचाया जा सकेगा.
  • प्रदेश में अधिक पानी की मांग वाली फसलों के क्षेत्र को कम किया जा सकेगा, और स्थाई खेती के लिए वैकल्पिक फसलों को प्रोत्साहन मिलेगा.
  • इस योजना के माध्यम से टिकाऊ खेती के साथ-साथ नवीनतम तकनीकों को भी बढ़ावा देना है, ताकी उत्पादन बढ़े और किसानों की आय भी बढ़े.

किसानों का क्या कहना है?

खट्टर सरकार का कहना है कि इस योजना का मक़सद पानी बचाना है, और अगर धान व गेहूं की जगह अन्य वैकल्पिक फसलें उगाएंगे तो पानी बचेगा, और वह पानी फिर हमारी भावी पीढ़ियों के काम आ सकेगा. किसानों का कहना है कि “हमारा खेत है, हम चाहें जो फसल उगाएं” और वहीं विपक्ष ने इस योजना को ‘धानबंदी’ करार दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ जब विरोध बढ़ा, तो सरकार ने नरम रूख दिखाते हुए, इस योजना को ‘स्वैच्छिक’ कर दिया.इस योजना के माध्यम से टिकाऊ खेती के साथ-साथ नवीनतम तकनीकों को भी बढ़ावा मिलेगा, ताकी उत्पादन बढ़े और किसानों की आय भी बढ़े.

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हरियाणा के मुख्यमंत्री ने जानकारी दी है कि इस योजना के प्रचार के लिए जल्द ही वैब-पोर्टल बनाया जाएगा जिस पर किसान समस्याओं की आवाज़ उठा सकेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा के किसी अन्य ब्लॉक के किसान भी अगर धान-गेहूँ की फसल अगर छोड़ना चाहते हैं, तो वह भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं. बता दें कि इस योजना में राज्य सरकार द्वारा प्रत्साहन धनराशि प्राप्त करने के लिए किसानो को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा.

योजना के दस्तावेज (पात्रता) Mera Pani Meri Virasat Yojana Documents

  1. आवेदक हरियाणा का स्थाई निवासी होना चाहिए.
  2. पहचान पत्र
  3. आधार कार्ड
  4. बैंक पासबुक
  5. कृषि योग्य भूमि के कागज़ात
  6. पासपोर्ट साइज फ़ोटो
  7. मोबाइल नंबर

योजना में कैसे करें आवेदन Mera Pani Meri Virasat Yojana Registration

हरियाणा के जो व्यक्ति इस योजना के लिए आवेदन करना चाहते हैं वे इस तरह से करें.

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सबसे पहले आप को योजना की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना होगा,
वहां आप के सामने होम-पेज खुल जायेगा. वहां आप को न्यू रजिस्ट्रेशन पर क्लिक करना होगा, आप के सामने अगला पेज खुल जायेगा.

इस पेज पर आप को अपना आधार कार्ड नंबर भरना होगा, और फिर नेक्स्ट बटन दबाना होगा. बटन पर क्लिक करने के बाद आपको फार्मर डिटेल्स भरनी होगी, और फिर टोटल लैंड होल्डिंग और क्रॉप डिटेल्स भरनी होगी.

तमाम जानकारी भरने के बाद आपको सबमिट के बटन पर क्लिक करना होगा, और इस तरह आपका पंजीकरण पूरा हो जायेगा।

जानिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लिए कैसे आवेदन करें

  • सबसे पहले आप को योजना की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना होगा, वहां जाने के बाद आप के सामने होम पेज खुल जायेगा. वहां आप को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लिए एक विकल्प दिखाई पड़ेगा, तुरंत उसे क्लिक कर दीजिए, जब आप के सामने अगला पेज खुल जायेगा.
  • इस पेज में आप को फार्मर रजिस्ट्रेशन के लिए एक फॉर्म दिखाई देगा, वहां आप को तमाम पूछी गयी जानकारी भरनी होगी.
  • सभी तरह की तमाम जानकारी भरने के बाद आप को सबमिट का ऑप्शन पर क्लिक करना होगा. इसके बाद समझो आप का रजिस्ट्रेशन हो चुका.
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