रोहतक । बूंदाबांदी व हल्की बारिश के चलते हरियाणा प्रदेश में इस बार मई के महीने की भीषण गर्मी देखने को नहीं मिलीं. आंकड़े बया करते हैं कि 6 साल बाद रोहतक में सबसे अधिक बारिश हुई है. वहीं इस बार नौतपा में भी रोहतक का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से नीचे ही रहा.
मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि इस वर्ष मई महीने में पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव अधिक रहा है. इस बार पूर्वी हवाओं का असर भी अधिक रहा है जिसकी वजह से उमस तो होती रही लेकिन मई-जून वाली लू नहीं बन पा रही. ताउते तूफान की वजह से भी 19 से 21 मई तक रोहतक में अधिक बारिश देखने को मिली.
11 से 14 जून के बीच फिर बारिश के आसार
वहीं मौसम विशेषज्ञों ने पूर्वानुमान जारी करते हुए कहा है कि जून में भी मौसम में लगातार परिवर्तन हो रहा है. 8 से 11 जून तक मौसम खुश्क रहने की संभावना है. जबकि 11 से 14 जून के बीच एक बार फिर से पश्चिमी विक्षोभ का असर देखा जाएगा और बारिश होगी.
ये होता है पश्चिमी विक्षोभ
पश्चिमी विक्षोभ भारतीय उपमहाद्वीप के उतरी क्षेत्रों में आने वाले ऐसे तूफान को कहते हैं जो वायुमंडल की ऊंची तहो में भूमध्य सागर व अन्ध महासागर से नमी लेकर उसे अचानक वर्षा के रुप में गिरा देते हैं. ये ईरान, इराक व पाकिस्तान होते हुए उतरीं भारत में प्रवेश करतें हैं. पश्चिमी विक्षोभ ज्यादातर सर्द मौसम में आते हैं.
इस साल मई में पश्चिमी विक्षोभ अधिक आएं. वहीं ताउते तुफान भी रोहतक के बाहरी क्षेत्र से होकर गुजरा,जिस कारण 19 से 21 मई तक बारिश देखने को मिली. पूर्वानुमान के मुताबिक 11 से 14 जून के आसपास फिर से पश्चिमी विक्षोभ का असर देखने को मिलेगा और फिर से बारिश देखने को मिल सकती है.- नवदीप दहिया, मौसम विशेषज्ञ, रोहतक
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