72 साल के विधायक तीसरी बार एमए की परीक्षा देकर कर रहे अन्य छात्रों के लिए मिसाल पेश

कैथल I कोरोना के चलते जहां छात्र परीक्षा टालने की गुहार लगा रहे हैं वहीं एक शख्स ऐसे भी हैं जो 72 वर्ष की उम्र में तीसरी बार एमए की परीक्षा ऑनलाइन माध्यम से दे रहे हैं. हम यहां बात कर रहे हैं हरियाणा की राजनीति का चर्चित चेहरा व कैथल के गुहला चीका कस्बे के विधायक ईश्वर सिंह की. इनकी कहानी बेहद रोचक व प्रेरणास्पद है. दरअसल बात यह है कि जब वह पहली बार 1978 मे विधायक बने तो 1979 में भजनलाल सरकार में उन्हें शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन का पद मिला,परन्तु तब वे महज 10वीं पास थे,इसलिए स्वयं को इसके योग्य न समझते हुए उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया .क्योंकि बोर्ड के डायरेक्टर व अन्य मेम्बर उनसे अधिक पढ़े लिखे थे,इसलिए वे स्वयं को हीन समझने लगे, जिससे उन्होंने तीन महीने में ही पद त्याग दिया.

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ईश्वर सिंह की यह प्रेरणादायक कहानी,उन्ही की जुबानी
चैयरमैन पद से त्यागपत्र देने के बाद आगे पढ़ाई करने के बारे में बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि 1983 में जब उनका विधायक का कार्यकाल पूरा हुआ तो उन्होंने 11वीं में एडमिशन ले लिया व 37 की उम्र में स्नातक की डिग्री हासिल की.जिसके 2 साल बाद एमए हिस्ट्री पूरी की,तब पेपर देते वक्त तत्कालीन वीसी मेरे पास आये तो उन्होंने मेरी कहानी सुनकर मुझे लॉ करने की सलाह दी,जिसके बाद मैंने 3 साल लॉ में लगाये व 6 महीने कुरुक्षेत्र में वकालत भी की.इस दौरान राज्यसभा के मेंबर होने का सौभाग्य मिला जहां जाते ही मुझे अपनी शिक्षा की अहमियत समझ मे आयी.

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वहीँ रहते हुए मुझे नेशनल कमीशन ऑफ शेड्यूल कास्ट का सदस्य बनाया गया जिसमें मैंने काफी काम किया. फिर 2015 में दो जज दोस्तों से प्रेरणा लेकर 67 की उम्र में एमएलएम की डिग्री हासिल की. जिसके बाद फिर से सक्रिय राजनीति में उतरकर 2019 में चुनाव लड़ा व फिर से जनता ने विधायक का पद सौंपा.अब कोरोना के समय का सही सदुपयोग करते हुए एमए राजनीति विज्ञान से कर रहा हूँ,जबकि एक एमए पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन विषय मे भी कर रखी है.उन्होंने बताया कि सबसे मुश्किल कार्य राजनीति व पढ़ाई में समन्वय स्थापित करना था,जिसे भी उन्होंने अपने दृढ़निश्चय से पूरा किया.

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छात्रों को सन्देश देते हुए उन्होंने कहा कि पढ़ाई करने की वैसे कोई उम्र व सीमा नहीं होती परन्तु वर्तमान ही इसके लिए सबसे सही समय है,इसलिये उन्हें अपने लक्ष्य की प्राप्ति हेतु निरन्तर मेहनत करनी चाहिए.

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