चंडीगढ़ | कुछ समय से हरियाणा की राजनीति में बेरोजगारी शब्द चर्चा का विषय बना हुआ है. विपक्षी नेताओं द्वारा प्रदेश में बढ़ रहे बेरोजगारी के प्रश्न पर सरकार को घेरा जाता है जबकि सरकार लगातार रोजगार देने की बात कहती है. इस बीच इनेलो के प्रधान महासचिव अभय चौटाला ने राज्य में बढ़ रही बेरोजगारी और महंगाई पर सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. अभय चौटाला ने कहा कि प्रदेश में भाजपा-गठबंधन की सरकार आम लोगों को महंगाई और बेरोजगारी के मोर्चे पर झटके पर झटके दिए जा रही है.
अभय चौटाला ने सेंट्रल फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी द्वारा देशभर के राज्यों की बेरोजगारी दर को लेकर दिए गए आंकड़ों का भी जिक्र करते हुए सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि हाल ही में सीएमआईई ने भी मोहर लगा दी है कि देशभर में हरियाणा बेरोजगारी के मामले में नंबर वन है, यहां का हर तीसरा आदमी बेरोजगार है. इसके लिए पूरी तरह गठबंधन सरकार जिम्मेवार है. राज्य का 18 से लेकर 40 वर्ष तक का हर दूसरा नागरिक बेरोजगार है. प्रदेश सरकार के आंकड़ों के मुताबिक कॉमन एंट्रेंस टेस्ट में 60 लाख परीक्षार्थी शामिल होंगे. यानी सरकार खुद मानती है कि 60 लाख युवा बेरोजगार है. दूसरी तरफ सीएमआईई की रिपोर्ट को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पूरी तरह खारिज किया है.
चौटाला ने कहा कि मुख्यमंत्री झूठ बोलते हैं. उन्होंने मार्च में बजट सत्र के दौरान कहा था कि प्रदेश में 8.36 लाख लोग बेरोजगार हैं. लेकिन परसों ही पंचकूला में अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री ने झूठ कहा कि राज्य में केवल 5 से 6 लाख लोग बेरोजगार हैं. मुख्यमंत्री ने 3 महीने में बिना रोजगार दिए 3 लाख बेरोजगारों की संख्या कम कर दी. सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार भारी भरकम टैक्स लगाकर जनता को लूट रही है. जनता के टैक्स के पैसों का विकास के नाम पर घोटाले पर घोटाले किए जा रहे हैं. पिछले एक साल के भीतर पेट्रोल और डीजल के दामों में ₹25 तक की बढ़ोतरी हुई है.
प्रदेश में लंबे समय से नहीं हो रही नौकरियों की भर्तियों पर भी चौटाला ने सरकार को घेरा. चौटाला ने अपने बयान में सरकार से प्रश्न पूछा कि प्रदेश में होने वाली 30 हजार भर्तियां क्यों रुकी है और 6 हजार से अधिक भर्तियां रद्द क्यों की गई. सरकार रोजगार खोज रहे युवाओं से फॉर्म तो भरवा लेती है लेकिन भर्तियां ही नहीं करवाती है. सरकार लोगों से उनकी नौकरियों को छीनने का काम कर रही है. सरकारी शिक्षक की नौकरी की चाह रखने वाले युवाओं ने तो भर्तियों की उम्मीद ही छोड़ दी है. राज्य का युवा दिन-प्रतिदिन बेरोजगार होता जा रहा है. जिस कारण युवाओं में हताशा और निराशा बढ़ती जा रही है.
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