कोरोना वायरस के खतरे के कारण स्कूलों में शिक्षण कार्य ठप हो गया है. ऐसे में कुछ शिक्षण संस्थानों ने छात्रों की पढ़ाई के नुकसान को देखते हुए ई-लर्निंग का रास्ता अपनाया है. जिसके माध्यम से छात्र अपनी पढ़ाई जारी रख सकें. क्योंकि लॉकडाउन का बच्चों की पढ़ाई पर भी खासा असर पड़ रहा है. अतः शैक्षणिक सत्र काफी पिछड़ जाने की आशंका से परेशान स्कूलों के प्रबंधन के लिए ऑनलाइन शिक्षण संकटमोचक साबित हो रहा है परन्तु यह केवल महँगे और उच्च शिक्षण संस्थानों तक ही सीमित है. इसलिए सभी स्कूलों तक इसकी पहुँच को सुनिश्चित करने हेतु खट्टर सरकार 9वीं से 12वीं तक के बच्चों को टैब देने की योजना बना रही है ताकि किसी भी हाल में बच्चों की पढ़ाई उनसे वंचित न हो. साथ ही, यह भविष्य में भी तकनीकी शिक्षा की राह को पाने में कारगर साबित होगा.
इसके लिए शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को ड्राफ्ट योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं.
एक टैब की लागत लगभग 2500 से ₹3000 है. यह विशेष प्रकार के टैब होंगे जिनमें केवल पढ़ाई से संबंधित ऐप ही शामिल होंगे. राज्य सरकार की आईटी एजेंसी हारट्रोन की इसमें मदद ली जाएगी. इस योजना के तहत लगभग 600000 से अधिक छात्रों को कवर किया जाएगा जिससे उनकी ऑनलाइन शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित हो सके.
यदि सरकार की यह योजना सिरे चढ़ती है तो शिक्षा के क्षेत्र में सरकार का यह एक अत्यंत सराहनीय कदम होगा जिससे छात्रों को अत्यंत लाभ मिलेगा. इस योजना को मंत्रिमंडल की बैठक में रखा जाएगा तथा जैसे ही योजना को मंजूरी मिलती है विद्यार्थियों को टैब मुहैया करवा दिए जाएंगे.
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