सीरो-सर्वे क्या होता है, जानिए कैसे होगा सीरो सर्वे और कैसे करेगा यह काम

पंचकूला । पूरे देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर कम होती नजर आ रही है. जिसको देखते हुए राज्यों ने धीरे-धीरे अनलॉक की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. लेकिन इस बीच चर्चा का विषय बना हुआ है राज्यों द्वारा करवाया जा रहा सीरो सर्वे. राज्य सरकारों द्वारा कई बार इस बात का जिक्र किया जा रहा है कि पूर्णता अनलॉक से पहले सीरो सर्वे करवाया जाएगा.

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• सीरो-सर्वे क्या है?

सीरो सर्वे एक तरह की जांच प्रक्रिया है, जिसके तहत किसी भी संक्रमण के खिलाफ शरीर में एंटीबॉडी विकसित होने का पता लगाया जाता है. अर्थात सर्वे के तहत जांच की जाती है कि कितनी आबादी में किसी संक्रमण के खिलाफ कितनी फीसदी एंटीबॉडी बन चुकी है. यानी सीधे तौर पर कहा जाए तो सर्वे के तहत एंटीबॉडी की जांच होती है.

दरअसल जब हमारे शरीर में कोई भी वायरस या बैक्टीरिया अटैक करती है तो हमारा शरीर उसके खिलाफ एंटीबॉडी बनाना शुरू कर देता है. जोकि उस वायरस और बैक्टीरिया या किसी अन्य प्रकार के संक्रमण से लड़ने का काम करता है. कोरोना संक्रमण के दौरान भी कई लोग इस वायरस से संक्रमित तो हुए लेकिन उनमें किसी भी प्रकार के लक्षण देखने को नहीं मिले. जिसका मतलब है कि उन लोगों का इम्यून सिस्टम मजबूत है जिसकी बदौलत उनके शरीर ने वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनाना तेजी से शुरु कर दिया. जिस कारण उन्हें पता भी नहीं चल पाया कि वे कोरोना वायरस से संक्रमित थे.

•कैसे होगा सीरो-सर्वे?

सीरो-सर्वे को करने के लिए व्यक्ति के खून(blood) की जांच की जाती है. फिर व्यक्ति के ब्लड से सेल्स और सीरम को अलग किया जाता है. एंटीबॉडी सीरम में पाई जाती है, सीरम की जांच के बाद पता लगाया जाता है कि व्यक्ति के शरीर में संक्रमण के लिए कितनी एंटीबॉडी बनी हुई है.

कोरोना वायरस के लिए किया जा रहा सीरो सर्वे में कई टीम चुनिंदा इलाकों में जाएगी. जिसके बाद सीरो सर्वे की टीम द्वारा लोगों के खून के नमूने लिए जाएंगे. इस सर्वे में सभी आयु वर्ग के लोगों को शामिल किया जाएगा. जिसके बाद लिए गए सैंपलों को जांच के लिए भेज दिया जाएगा. जांच के बाद प्राप्त रिपोर्ट से महामारी से जुड़े कई महत्वपूर्ण जानकारी सामने आएगी.

सीरो सर्वे कोरोना महामारी की वर्तमान स्थिति और आगे आने वाली स्थिति को लेकर बेहद महत्वपूर्ण जानकारी देता है. इस रिपोर्ट के जरिए ही सरकार महामारी से निपटने के लिए रणनीति तैयार करती है. क्योंकि इस सर्वे के जरिए पता लग पाता है कि अभी तक वायरस से कितनी प्रतिशत जनसंख्या संक्रमित हो चुकी है. लोगों के शरीर के भीतर वायरस को लेकर एंटीबॉडी बनने की क्या स्थिति है? कितने फीसदी जनसंख्या में वायरस से लड़ने के लिए हर्ड इम्यूनिटी विकसित हो चुकी है? क्या महामारी की एक और लहर हमारे सामने आ सकती है? इसी तरह के कई सवालों का जवाब सरकार को इस सर्वे के माध्यम से मिलता है.

पिछले साल कोरोना महामारी की पहली लहर के समय भी सीरो सर्वे करवाया गया था. सर्वे से प्राप्त तमाम रिपोर्टों को स्वास्थ्य विभाग को भेजा गया. जिसके बाद सरकार को पता चला कि पहली लहर के बाद लोगों के अंदर एंटीबॉडी कितनी विकसित हुई है? संक्रमण से लड़ने के लिए कितनी क्षमता विकसित हुई है? क्या कोरोना की अगली लहर भी आ सकती है? इन तमाम तरह की जानकारियों को प्राप्त करने के लिए सरकार सीरो सर्वे करवाने पर जोर दे रही है.

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