चंडीगढ़ । हरियाणा के किसानों के लिए खुशखबरी है. हरियाणा की मनोहर सरकार अब धान के बाद बाजरे की खेती छोड़ने वाले किसानों को 4000 रुपए प्रति एकड़ मुआवजा देंगी. इससे पहले धान की खेती छोड़ने वाले किसानों को मुआवजा मिल रहा है.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने घोषणा करते हुए कहा कि हमारी सरकार अब इस बार से बाजरे की खेती नहीं करने वाले किसानों को चार हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि मुहैया करवाएगी. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ऐसे किसानों से आग्रह करते हुए कहा कि वे बाजरे की जगह पर दलहन और कपास की खेती करें. वहीं धान की खेती का त्याग करने वाले किसानों को सरकार पहले ही सात हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दे रही है. मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बार जो किसान प्रति एकड़ चार सौ पेड़ लगाएगा ,उसे अगले तीन साल तक 10 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बाजरे की खपत बहुत कम है लेकिन पैदावार सात गुणा अधिक है. हरियाणा में बाजरे की कीमत अधिक होने के कारण आसपास के राज्यों के किसान भी यहां आकर बाजरा बेंच जातें हैं. ऐसे आढ़ती और व्यापारी है जो दूसरे राज्यों के बाजरे को सस्ते दामों पर खरीदकर स्टॉक कर लेते हैं और फिर एमएसपी घोषित होते ही इस बाजरे को मंडियों में बिक्री के लिए निकाल देते हैं.
दूसरे राज्यों के व्यापारियों, आढ़तियों व किसानों द्वारा हरियाणा में बाजरा बेचें जाने की वजह से राज्य सरकार को 700 से 800 करोड़ रुपए का भारी नुक़सान उठाना पड़ा है. हमारी सरकार ने बेझिझक हर किसी का बाजरा खरीदा,जिस कारण यह नुकसान इतना ज्यादा हुआं. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के आग्रह करने के बावजूद भी यदि किसान बाजरे की खेती करते हैं तो ऐसे वास्तविक किसानों का बाजरा भावातर भरपाई योजना के तहत खरीदा जाएगा, जिसमें सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित कर देंगी.
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