चंडीगढ, One Stop Centre Scheme | अक्सर हमारे समाज में महिलाओं के साथ दरिंदगी और अत्याचार की घटनाएं सामने आती रहती है. जिसके बाद महिला को तरह-तरह की हिंसा झेलनी पड़ती है. उस समय महिला को मेडिकल, कानूनी आदि तमाम तरह की जरूरत पड़ती है लेकिन उसकी सहायता नहीं हो पाती है और वो लाचारों की तरह इधर से उधर भटकती है. इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा ‘वन स्टॉप सेंटर योजना’ की शुरुआत की गई.
वन स्टॉप सेंटर योजना (One Stop Centre Scheme), भारत सरकार के महिला और बाल विकास मंत्रालय ने 1 अप्रैल 2015 को हिंसा प्रभावित महिलाओं की सहायता और समर्थन करने के लिए इस योजना की शुरुआत की. इस योजना को ‘सखी’ के नाम से भी जाना जाता है. योजना को लाने का मुख्य उद्देश्य किसी भी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिला को सुरक्षा प्रदान करने की के लिए वन स्टॉप सेंटर में सहायता उपलब्ध करवाना है.
योजना के तहत किसी भी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिला को आपातकालीन प्रतिक्रिया और बचाव सेवाएं, कानूनी सहायता, पुलिस सहायता, चिकित्सा सहायता, मनोसामाजिक समर्थन, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा, साइकोलॉजिस्ट गाइडेंस, 5 दिन का अस्थाई आश्रय और खाना-पीना निशुल्क उपलब्ध करवाया जाता है.
‘वन स्टॉप सेंटर स्कीम’ का मतलब है एक ऐसी व्यवस्था, जहां हिंसा से पीड़ित कोई भी महिला सभी तरह की मदद एक ही छत के नीचे एक साथ पा सकती है. इन सेंटर्स को अस्पतालों में भी चलाया जाता है, जहां मेडिकल ऐड, लीगल ऐड, अस्थायी रूप से रहने के लिए जगह, केस फाइल करने के लिए मदद, काउंसिलिंग सब कुछ एक ही जगह पर उपलब्ध होती है.
योजना के तहत किसी भी तरह का भेदभाव ना करते हुए पीड़ित को न्याय दिलाया जाता है. कार्रवाई के दौरान होने वाले सभी खर्च को निर्भया फंड के जरिए उठाया जाता है. इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए इस योजना को लागू किया गया था.
वन स्टाफ सेंटर में किसी भी तरह की हिंसा झेल रही महिला, बलात्कार, लैंगिक हिंसा, घरेलू हिंसा, ट्रैफिकिंग, एसिड अटैक विक्टिम, विच हंटिंग, दहेज संबंधित हिंसा, सती, बाल यौन शोषण, बाल विवाह, भ्रूण हत्या जैसे मामलों से पीड़ित कोई भी महिला यहां जा सकती है. इस योजना का लाभ 18 वर्ष से कम उम्र की पीड़ित लड़कियों सहित सभी महिलाएं उठा सकती है. योजना के तहत पूरे देश भर में वन स्टॉप सेंटरों का निर्माण किया जा रहा है. पहला वन स्टॉप सेंटर हरियाणा के करनाल जिले में 2015 में बना था. साल दर साल इनके निर्माण की संख्या बढ़ती ही जा रही है. 2019-20 में 284 वन स्टॉप सेंटर की स्थापना की गई थी.
वन स्टॉप सेंटर योजना के लिए 181 टोल फ्री नंबर बनाया गया है. पीड़ित महिला को योजना का लाभ लेने के लिए 181 नंबर पर संपर्क करना होता है. जिसके बाद महिला को जल्द से जल्द वन स्टॉप सेंटर द्वारा सहायता की जाएगी. वन स्टॉप सेंटर 24 घंटे सेवा के लिए उपलब्ध रहता है. योजना का लाभ लेने के लिए एक दूसरा तरीका भी है. जिसके तहत आवेदक को वन स्टॉप सेंटर योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा.
इसके बाद आवेदन फॉर्म भरने के लिए लॉगइन बटन पर क्लिक करना होगा. पूछी गई तमाम जानकारियों को पढ़ने के बाद सबमिट बटन पर क्लिक करना होगा. जिसके बाद आपका आवेदन पूर्ण हो जाएगा और वन स्टॉप सेंटर योजना की टीम आपसे जल्द से जल्द संपर्क करेगी. समाज में बढ़ रहे महिलाओं के प्रति अत्याचारों को देखते हुए वन स्टॉप सेंटर योजना जरूरी और आपातकालीन समय में बेहद सहायक नजर आती है.
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