जींद | हरियाणा में पिछले साल की तरह इस बार भी लॉकडाउन की वजह से फूलों की खेती बर्बाद हो गई है किसानों ने अपनी खड़ी फसल में ट्रैक्टर चला दिए हैं. इस साल भी फूल की खेती करनेवाले किसानों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है किसानों को हुए इस नुकसान से उनके चेहरे मायूस है किसानों का कहना है कि वह वैकल्पिक खेती भी कर रहे हैं, लेकिन 2 साल से लगातार नुकसान झेल रहे.
किसानों को इस बात का दुख है कि सरकार का कोई नुमाइंदा हालात जानने नहीं आया, कि किसानों के दिल पर क्या गुजर रही है बता दें कि हरियाणा के जींद जिले में पिछले लॉकडाउन में भी किसानों ने खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चलाया था. लॉकडाउन के कारण शादियां मंदिर राजनीतिक कार्यक्रम बंद रहे जिसके कारण फूलों की डिमांड नहीं आयी.
दूसरे काम ढूंढने को मजबूर किसान
ठेके पर जमीन लेकर खेती करनेवाले किसानों पर इस बार भी बड़ी मार पड़ी है. किसानों ने बताया कि उन्हें प्रति एकड़ 80 हज़ार का नुकसान हुआ है. दूसरे काम ढूंढने को मजबूर हो गए किसानों का कहना है कि जींद रोहतक कुरुक्षेत्र पानीपत झज्जर जिले के किसान मुख्य तौर पर फूलों की खेती करते हैं, जिनको करीब 200 करोड़ का नुकसान हुआ है.
जींद में 100 एकड़ फसल बर्बाद
किसानों ने कहा दूसरी फसलों के खराब होने पर मुआवजा वितरण प्रणाली की तरह फूलों की खेती करनेवाले किसानों को भी 60,000 प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए. उन्होंने कहा कि 100 रुपये किलो बिकने वाले फूल आज 6 रुपये में बेच रहे है. इसलिए उन्होंने अपनी फसल पर ट्रैक्टर चला दिया. हरियाणा के जिलों में किसान गेंदा ग्लाइडर रजनीगंधा जाफरी गुलाब आदि फूलों की खेती करते हैं, किसानों का कहना है कि अकेले जिंदगी में 100 एकड़ फसल बर्बाद हुई है.
बता दें किसानों को इस बात का दुख है कि सरकार का कोई नुमाइंदा हालात जानने नहीं आया, कि किसानों के दिल पर क्या गुजर रही है. गौरतलब है हरियाणा के जींद जिले में पिछले लॉकडाउन में भी किसानों ने खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चलाया था.