चंडीगढ़, Haryana Weather News | मॉनसून की आश लगाए बैठे हरियाणा वासियों के लिए निराशाजनक खबर है. अगले 8 दिनों तक प्रदेश में मानसून के सक्रिय होने की कोई संभावना नहीं लग रही है. मौसम विभाग ने पूर्वानुमान व्यक्त किया है कि आने वाले कुछ दिनों में कोई सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय नहीं होता नजर आ रहा है. मानसूनी हवाओं ने भी अपना डेरा पूर्वी यूपी में डाल लिया है. अरब सागर से भी कमजोर मूवमेंट नजर आई है, ऐसे में जुलाई माह के प्रथम वीक में मानसून के सक्रिय होने की उम्मीद जताई गई है. मौसम विभाग के मुताबिक सावन और भादों में जमकर बारिश हो सकती है.
बता दें कि हरियाणा में अब तक सामान्य से 71% अधिक बारिश हुई है. ज्येष्ठ माह में हुई अच्छी बारिश ने लोगों को गर्मी व लूं के थपेड़ो से राहत देने का काम किया है. लेकिन आषाढ़ माह के पहले पखवाड़े में मानसून की रुसवाई देखी जा रही है और अगले 8 दिनों तक इसके सक्रिय होने की भी कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है.
हवाओं का रुख मुड़ने से देरी
मौसम विभाग ने इसकी प्रमुख वजह तिब्बत पर पांच किलोमीटर उंचाई पर बनने वाले एंटी साइक्लोन के चीन की ओर मुड़ जाने को बताया है. वहीं साथ ही बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर एरिया नही बन रहा है, ऐसे में पश्चिमी हवाओं ने पूर्वी हवाओं की दिशा बदल दी है. फिलहाल दक्षिणी राजस्थान में मानसून सक्रिय हैं, लेकिन जब वह बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर एरिया नही बनेगा, तब तक हरियाणा में मानसून सक्रिय नहीं होगा.
किसानों को होंगी दिक्कत
धान की फसल की बिजाई करने के लिए किसान मानसून के इंतजार में है. मानसून सक्रिय न होने की स्थिति में 30.96 लाख हेक्टेयर भूमि पर खरीफ फसलों की बिजाई पर सीधा प्रभाव पड़ेगा. धान रोपाई में देरी हो सकती है. अब तक 10 लाख हेक्टेयर में फसलों की बिजाई हों चुकी है जो पिछले वर्ष के मुकाबले 1.25 लाख हेक्टेयर कम है.
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