सोनीपत । कोरोना काल के दौरान देश भर में तमाम स्कूल बंद हैं, लेकिन इस दौर में भी प्राइवेट स्कूलों की लूट जारी है. प्राइवेट स्कूलों की मनमानी से परिजन परेशान हैं. वहीं राज्य शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपलों को बिना SLC (स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट) विधार्थियों का एडमिशन लेने के निर्देश जारी किए हैं. इस फैसले के बाद अब अध्यापक स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए छात्रों के अभिभावकों से सीधा सम्पर्क कर रहे हैं. सरकारी स्कूलों में एडमिशन लेने के फायदे गिनाकर अध्यापक अब परिजनों से बच्चों का दाखिला करवाने की अपील कर रहे हैं.
पैरेंट्स पर इस अपील का प्रभाव भी देखा जा रहा है. गोहाना के राजकीय कन्या स्कूल में बड़ी तादाद में पैरेंट्स अपने बच्चों का दाखिला करवाने के लिए पहुंच रहे हैं. सरकारी स्कूलों में बिना एसएलसी के विधार्थियों को एडमिशन किए जा रहे हैं. कोई भी विधार्थी स्कूल आकर दाखिला ले सकता है. शिक्षा विभाग की इस योजना का लाभ विधार्थी और उनके अभिभावक ज्यादा से ज्यादा लाभ उठा सकें, इसके लिए प्रिंसिपल के नेतृत्व में टीम लगातार लोगों से मुलाकात कर रही है.
यह टीम सरकार द्वारा स्कूलों में दी जाने वाली सहूलियतों के बारे में अभिभावकों को अवगत कराकर अपने बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूलों में करवाने की अपील कर रही है. शिक्षा विभाग के निर्णय को आमजन तक पहुंचाने के लिए बीईओ ने प्रत्येक स्कूल में एक कमेटी का गठन किया हुआ है. यह कमेटी हर रोज गांव व स्कूल के आसपास के एरिया में जाकर लोगों से मुलाकात कर रही है और उन्हें सरकार द्वारा स्कूलों में दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में विस्तार से समझा रहीं हैं.
BEO जाकर स्कूलों की बनाई कमेटी की जानकारी जुटाएगी
स्कूलों में बनी कमेटी नियमित रूप से लोगों से मुलाकात कर रही है या नहीं,बीईओ स्कूल में जाकर इसकी जानकारी जुटाने का काम करेगा. यदि कोई कमेटी सर्वे से नदारद पाई गई तो उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. राज्य शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार जो विधार्थी सरकारी स्कूल में एडमिशन लेने का इच्छुक हैं और उसके पास एसएलसी नहीं है तो आधार कार्ड, जाति प्रमाण-पत्र, राशनकार्ड, बैंक खाते की फोटोकॉपी और दो फोटो लेकर दाखिला ले सकता है.
शिक्षा विभाग के इस आदेश के बाद दाखिला लेने के लिए बच्चों की भीड़ बढ़नी शुरू हो गई है. इसे देखते हुए स्कूल प्रिंसिपल ने प्रत्येक कक्षा में एडमिशन करने के लिए एक कमेटी का गठन किया हुआ है. यह कमेटी कागजातों की जांच करने के बाद उसका एडमिशन करेंगी और एमआईएस पोर्टल पर अपलोड करवाने का काम करेंगी. एडमिशन होते ही विधार्थी की ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हो जाएगी.
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