Haryana Weather Update: हरियाणा में मानसून की बारिश नहीं सूरज की गर्मी बरसेगी, जानिए हफ्तेभर तक के मौसम का मिजाज

हिसार | लंबे समय से मानसून बारिश होने की उम्मीद लगाए बैठे हरियाणा के लोगों का इंतजार और लंबा हो सकता है. यानी राज्य के लोगों को शुष्क वातावरण और भीषण गर्मी के लिए तैयारी कर लेनी चाहिए. क्योंकि मानसून न आने की स्थिति में मौसम शुष्क और गर्म रहेगा जिससे तापमान में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिलेगी.

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अभी तक मौसम के लिहाज से राज्य के लिए अच्छी खबर यह थी कि राज्य में पश्चिमीविक्षोभ का आंशिक प्रभाव देखने को मिल रहा था. जिस कारण समय-समय पर आंधी तूफान और गरज चमक के साथ बौछारें गिर रही थी. जिससे तापमान में अधिक वृद्धि देखने को नहीं मिल रही थी. बीते दिन भी राजस्थान के ऊपर बने एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन से उत्तरी व दक्षिण पाश्चिमी क्षेत्रों में 24 से 26 जून के बीच धूलभरी हवायों व गरजचमक के साथ कहीं बूंदाबांदी व कहीं हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई.

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चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खिचड़ ने राज्य के मौसम पूर्वानुमान की जानकारी देते हुए कहा कि 2 जुलाई तक मौसम परिवर्तनशील परंतु शुष्क रहेगा. जिस कारण तापमान में वृद्धि होने से गर्मी भी पड़ेगी. हालांकि कई क्षेत्रों में हल्की हवाएं और आंशिक रूप से बादल भी छाए रहेंगे.

राज्य में मॉनसून की वर्तमान में बनी स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि मानसून की उत्तरी सीमा 19 जून को बाड़मेर, भीलवाड़ा, धौलपुर, अलीगढ़, मेरठ, अम्बाला, अमृतसर तक पहुंची थी, लेकिन इसके बाद आगे नहीं बढ़ पाई. पश्चिमी विक्षोभ के कारण उपरी सतह की अधिक ऊंचाई वाली पश्चिमी हवाओं के चलने से बंगाल की तरफ से नमी वाली पुरवाई मॉनसूनी हवाओं की सक्रियता कम हो गई. मॉनसून टर्फ उत्तर में उपर हिमालय की तरफ बढऩे के कारण मॉनसूनी हवाएं हरियाणा की तरफ नहीं बढ पा रही है. मानसूनी हवाओं की सक्रियता के लिए अनुकूल परिस्थितियां अगले चार-पांच दिनों के बाद ही बनने की सम्भावना है.

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राज्य में बीते कई दिनों से परिवर्तनशील मौसम का सबसे ज्यादा असर कृषि पर पड़ता है. किसानों के लिए अभी का समय अपने खेतों में धान की बुवाई का है. शुष्क और गर्म मौसम के कारण किसानों पर मौसम की मार पड़ रही है क्योंकि धान की खेती के लिए खेतों में सिंचाई करनी बेहद आवश्यक होती है. मौसम की तत्कालीन स्थिति को देखते हुए कृषि मौसम विज्ञान विभाग द्वारा निम्न प्रकार की मौसम आधारित कृषि सलाह दी गई हैं:

  • नरमा/कपास व सब्जियों के खेतों में आवश्यकतानुसार निराई गुड़ाई कर नमी संचित करे.
  • वातावरण में नमी की अधिकता व लगातार बादलवाई रहने के कारण नरमा/कपास व सब्जियों में कीटों व रोगों का प्रकोप हो सकता है इन फसलों की लगातार निगरानी करते रहे व यदि कहीं प्रकोप दिखाई दे तो विश्विद्यालय की सिफारिश दवाइयों की स्प्रे करे.
  • ग्वार, बाजरा व अन्य खरीफ फसलों के लिए खेत तेयार कर उत्तम किस्मों के बीजों का प्रबंध करे व उचित नमी उपलब्ध हो तो बिजाई शुरू करे। बिजाई से पहले बीजोपचार अवश्य करे.
  • धान लगाने के लिए अच्छी तरह से खेत तेयार करे. पानी उपलब्ध होने पर धान लगाना शुरू करे.
  • यदि नर्सरी में पीलापन आये तो 0.5% जिंकसल्फेट, 0.5% फेरससल्फेट व 2.5% यूरिया का घोल बनाकर छिडकाव करे. यह छिडकाव आवश्यकतानुसार 4-5 दिनों के अन्तराल पर दोहरायें.
  • धान में बकानी रोग से बचाव के लिए बचाव के लिए पनीरी को उखाड़ने से 7 दिन पहले 250 ग्राम कार्बेंडाजिम प्रति आधा कनाल नर्सरी क्षेत्र में रेत में मिलाकर पनीरी में एक सार बिखेर दें. पनीरी को खड़े पानी में ही उखाड़ें.
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