चंडीगढ़ | आंदोलनकारी किसानों से बढ़ते टकराव के बीच हरियाणा सरकार ने मुख्यमंत्री कार्यालय की सुरक्षा और बढ़ा दी है. कोई भी व्यक्ति अब पास बनवाकर सीधे मुख्यमंत्री से नहीं मिल सकता. उसे विभिन्न चरणों से गुजरना होगा. संबंधित व्यक्ति का मोबाइल और अन्य कीमती सामान भी लॉकर में सीआईडी की निगरानी में रहेगा.
आईएएस यशेंद्र सिंह कमेटी की 2019 में सौंपी रिपोर्ट के 14 बिंदुओं 12 को मुख्य सचिव ने मंजूरी दे दी है. सचिवालय की सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ अफसरों को भी सुरक्षा के नए दिशानिर्देश से अवगत करा दिया है. अब मुख्यमंत्री, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव, मुख्य सचिव से आगंतुकों की मुलाकात तभी होगी जब निजी स्टाफ सुरक्षा कर्मियों को फोन कर उन्हें अंदर भेजने के लिए कहेगा.
गेट पास दिखाकर मुलाकात के लिए मुख्यमंत्री कॉरिडोर में प्रवेश नहीं कर सकेंगे. मुलाकात से पहले ग्लास डोर पर ही आगंतुकों की गहन जांच होगी. महिलाओं की चेकिंग के लिए अलग से कक्ष बनेगा. मोबाइल व अन्य सामान के साथ कोई भी मुख्यमंत्री, उनके मुख्य प्रधान सचिव व मुख्य सचिव से नहीं मिल पाएगा.
इन बिंदुओं को मिली मंजूरी
- सचिवालय में कार्यरत कर्मचारियों, अधिकारियों के पहचान पत्रों में पे कोड होगा.
- ड्यूटी के दौरान सभी अधिकारी, कर्मचारी पहचान पत्र गले में डालकर रखेंगे.
- सचिवालय के अधिकारियों, कर्मचारियों, आगंतुकों व विभागों के कर्मचारियों के प्रवेश कार्ड के रंग व डिजाइन को बदला जाएगा.
- विभागों, बोर्ड, निगमों के अधिकारियों, कर्मचारियों के पास अब सिर्फ एंट्री पास लिखा होगा, गेट पास नहीं लिखा जाएगा.
- विभाग, बोर्ड, निगम के कर्मचारियों के कार्ड का रंग सचिवालय कर्मचारियों, अधिकारियों के कार्ड से मिलता जुलता नहीं होगा.
- एमएलए के साथ सिर्फ एक निजी सहायक ही सचिवालय के अंदर जा सकेगा, आगंतुकों को प्रवेश नहीं मिलेगा. विजिटर पास सिस्टम वीआईपी गेट पर ही लगेगा.
- सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, डीजीपी कार्यालय, एलआर व आईटी विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों को केवल प्रवेश पास दिया जायेगा. पहचान पत्र उन्हें विभाग ही देंगे.
- सीएम कार्यालय की सुरक्षा के लिए सुझाए गए अन्य बिंदुओं पर भी जल्द अमल किया जाएगा.
सचिवालय सबके लिए खुला इसीलिए सख्ती
कोरोना की दूसरी लहर धीमी पड़ने के बाद सचिवालय में आगंतुकों का प्रवेश शुरू हो गया है. ऐसे में कोई असामाजिक तत्व सचिवालय में प्रवेश करने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय तक न पहुंच जाए. इसीलिए सुरक्षा पहले से कड़ी की गई है. किसान आंदोलन में सरकार और आंदोलनकारियों के बीच तल्ख़ियां बढ़ीं है. मुख्यमंत्री संयम की परीक्षा न लेने की बात कह चुके हैं तो किसान नेता गुरनाम चढूनी ने सीएम को पाकिस्तानी तक कह दिया है. ऐसे में कोई अप्रिय घटना घटित न हो, इसीलिए सुरक्षा और चाक-चौबंद की है.
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