मिलिए हरियाणा के छोटे कद वाले भालामैन से- पहले हंसते थे लोग, अब टोक्यो पैरालंपिक में दुनिया देखेगी दम

पानीपत । हरियाणा के पानीपत जिले का गांव बुआना लाखू , गांव का ही 20 वर्षीय नवयुवक नवदीप जिसकी लंबाई महज चार फीट है लेकिन आज वह अपनी काबिलियत के दम से ऊंचे हों गए हैं. बचपन में पैरों में कमजोरी थी तो लड़खड़ा कर गिर जाते थे. बच्चे साथ भी नहीं खिलाते थे. पहलवान पिता ने बेटे के इस दर्द को समझा और कुश्ती का अभ्यास करवाना शुरू कर दिया.

panipat news 6

कुश्ती में झटके 5 पदक

स यही से नवदीप की जिंदगी में मोड़ आया और फिर उसने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. आज नवदीप पैरा नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप में 5 गोल्ड मेडल जीत चुका है. बचपन में ताने मारने वाले दोस्त अब उनके साथ खेलने में गर्व महसूस करते हैं. वर्ष 2012 में नवदीप तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के हाथों सम्मानित भी हो चुका है. कमर में दर्द रहने लगा तो कुश्ती के खेल को त्यागकर जैवलिन का अभ्यास शुरू कर दिया और वे अब टोक्यो पैरालंपिक खेलों में F-41 कैटेगरी में भारत देश का प्रतिनिधित्व करेंगे.

यह भी पढ़े -  AK47 के नाम से मशहूर हरियाणा के अंशुल कंबोज, 10 विकेट लेकर रच दिया इतिहास

पिता ने दिलाई 60 हजार की जैवलिन

साई सेंटर बहालगढ़ में ओलम्पिक पदक जीतने के लिए पसीना बहा रहे विश्व रैंकिंग में नंबर तीन पोजिशन जैवलिन थ्रोअर नवदीप ने बताया कि पैरों में कमजोरी की वजह से बचपन में दौड़ नहीं पाता था. कुश्ती खेलने से हाथ-पांव मजबूत हुएं लेकिन 2013 में कमर में दर्द रहने से धीरे-धीरे कुश्ती खेलना छूट गया. 100-200 मीटर रेस की तैयारी शुरू की और फिर 2017 में बेंगलुरु में जैवलिन थ्रोअर संदीप के खेल को देखा. उन्हें देखकर उसी खेल में रुचि हो गई. पिता ने 60 हजार रुपए की जैवलिन दिलाईं और फिर दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में कोच नवल के पास प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया.

यह भी पढ़े -  AK47 के नाम से मशहूर हरियाणा के अंशुल कंबोज, 10 विकेट लेकर रच दिया इतिहास

ओलम्पिक में पदक जीतना लक्ष्य

नवदीप ने बताया कि जब-जब खेल के दौरान आत्मविश्वास में कमी आई तो मां और पिता ने आगे आकर मेरा हौसला बढ़ाया. नवदीप ने बताया कि खेल में सुधार करने के लिए हर रोज सुबह-शाम 4-4 घंटे कड़ी मेहनत कर रहा हूं. तकनीक में सुधार के लिए दुनिया के बेस्ट थ्रोअर खिलाड़ियों की वीडियो देख रहा हूं. जैवलिन थ्रो में मेरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 43.78 मीटर है. ओलम्पिक में पदक जीतने का लक्ष्य मुश्किल जरूर है लेकिन असंभव नहीं है.

यह भी पढ़े -  AK47 के नाम से मशहूर हरियाणा के अंशुल कंबोज, 10 विकेट लेकर रच दिया इतिहास

नवदीप की सफलता

• जूनियर व अंडर-20 पैरा नेशनल चैंपियनशिप में चार गोल्ड मेडल
• 2010 , दुबई विश्व जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल
• 2019, पैरा विश्व जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप स्विट्जरलैंड में गोल्ड मेडल

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!

exit