स्मार्ट सिटी के पैसे का हो रहा है दुरुपयोग, उद्घाटन से पहले ही गिरी नेकी की दीवार

करनाल | रेलवे रोड पर नेकी की दीवार की दीवार गिर चुकी है. करनाल शहर में सिटी स्मार्ट सिटी के नाम पर पैसों का सही उपयोग बहुत ही कम देखने को मिल रहा है, किंतु पैसों की बर्बादी बहुत ही ज्यादा हो रही है. ऐसा ही हुआ है करनाल के रेलवे रोड पर जहां नेकी की दीवार ने खुद भ्रष्टाचार का आइना दिखाया है. उद्घाटन से पहले ही यह दीवार गिर चुकी है. यहां तक की 6 लाख रुपए का खर्च करने के बाद भी दीवार का कोई हिस्सा ठोस व सुरक्षित नहीं है. लेंटर की छत की जगह लोहे के पाइप के स्ट्रक्चर पर फाइबर लगा दी गई है. उससे नीचे पीवीसी शीट लगा कर महंगी एलईडी लगाई गई है. शहर को स्मार्ट बनाने के नाम पर सीधे तौर से पैसों का दुरुपयोग सामने आया है. नेकी की दीवार का कुछ ही दिन पहले निर्माण पूरा हुआ है, इसका अभी उद्घाटन भी नहीं हुआ है. अभी से इस दीवार का यह हाल है तो न जाने आगे क्या होगा. शहर के लोगों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए यह भी कहा कि अगर इसके निर्माण की जांच कराई जाए तो जो भी भ्रष्टाचारी लोग हैं, उनके नाम जरूर सामने निकल कर आएंगे.

Neki ki deewar karnal

नेकी की दीवार का प्रोजेक्ट पहले नौ लाख रुपए में बनकर तैयार होना था, किंतु बाद में सिर्फ 6 लाख रुपए तक की राशि तय की गई थी. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि एक विशेष लाइट का कार्य कैंसिल कर दिया गया था. अंत में इस प्रोजेक्ट पर कुल मिलाकर 6 लाख रुपए खर्च हो रहे हैं. इनमें लगभग एक लाख रुपए ग्रेनाइट, 15 हजार स्टील रेलिंग, 10 हजार रुपए लाइट वायरिंग, 3 लाख रुपए सिविल वर्क और एक लाख रुपए की पीवीसी विंग व इत्यादि खर्च होने हैं.

अव्यवस्था

बारिश और आंधी तूफान के दौरान कपड़ों के लिए कोई सुरक्षा नहीं : नेकी की दीवार को केवल खूबसूरत बनाने का भरसक प्रयास किया गया, किन्तु जिस तरह से इसका निर्माण हुआ है उस हालत में इनमें रखे कपड़े भी सुरक्षित नहीं रह सकते हैं. फाइबर की छत और तीन ओर से पूरा खुला स्टैंड बनाया गया है. साइडों में सिर्फ स्टेनलैस स्टील के पैनल लगाए गए हैं. वह कोई जमीन फर्श में नहीं गाड़े गए हैं, अपितु पेंच लगाकर खड़े कर दिए गए हैं, जिनको चोर आसानी से चुरा कर ले जा सकते हैं.

लोगो ने की जांच की मांग, धरने की धमकी : जिला कांग्रेस कमेटी के संयोजक सरदार तरलोचन सिंह ने डीसी निशांत कुमार यादव जी को पत्र लिखकर जांच करने की मांग प्रकट की है. यह दीवार बनकर भी तैयार नहीं हुई कि इसकी दीवार ही गिर गई है. मुझे यह दीवार बनवानी पड़े तो इसे डेढ़ से दाे लाख रुपए में बढ़िया बनवा दूंगा. इसमें बहुत अधिक मात्रा में सामान का अनुचित प्रयोग किया गया है. इस दीवार की जांच बहुत जरूरी है.

लेंटर था जरूरी : पार्षद ईश कुमारी गुलाटी अपनी बात रखते हुए कहते हैं कि नेकी की दीवार का स्ट्रेक्चर ठोस होना चाहिए था. फाइबर की जगह 4 इंच लेंटर का होना आवश्यक था. सभी लोग इस बात से वाकिफ है कि यह सुनसान सड़क पर स्थित है. खुली छत के नीचे पांच हजार रुपए वाली एलईडी लाइटें और ग्रेनाइट लगाने की क्या जरूरत थी. इस हाल में तो स्टेनलैस स्टील के पैनल भी चोरी हो जाएंगे, क्योंकि यह जमीन में फर्श में न गाड़ कर ऊपर ही पेंचों के साथ लगा दिए गए हैं. दीपक सूरा, ईओ, नगर निगम करनाल ने कहा कि यह मामला मेरे संज्ञान में अब आया है. जल्द ही इस मामले पर कार्यवाही की जाएगी और देखा जाएगा कि कमी कहां रही है. इसके बाद इन सब को शुरू कराने की कार्यवाही को भी जल्द से जल्द अमल करने के लिए प्रयास किया जाएगा.

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