रोहतक । यदि आपका बच्चा सारा दिन सुस्ती में रहता है, त्वचा ढीली पड़ गई है, पेशाब कम कर रहा है , पानी बहुत कम मात्रा में पी रहा है तो आप सतर्क हो जाइए, ये आपके लिए ख़तरे की घंटी हों सकतीं हैं. इन हालातो में बच्चे को बिना देरी किए चिकित्सक के पास ले जाएं और चिकित्सक को भी तत्पर कार्यवाही बच्चे को ग्लूकोस लगाना होगा. यें परामर्श रोहतक पीजीआईएमएस के शिशु रोग विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ वंदना ने पीजीआईएमएस की स्किल लैब में दिए.
आपकों बता दें कि पीजीआईएमएस स्किल लैब में पूरे प्रदेश के चिकित्सकों का चरणबद्ध तरीके से दो दिवसीय ट्रेनिंग शिविर चल रहा है. डॉ वंदना ने बताया कि एक बच्चा जो मरीज के तौर पर हस्पताल में आता है तो उसको जितनी ज्यादा जरूरत ऑक्सीजन की होती है,उतनी ही जरुरत उसे पानी की भी हो सकती है. उन्होंने कहा कि यदि बच्चे में पानी की कमी नजर आ रही है तो हमें मालूम होना चाहिए कि कितना पानी देना है और किस विधि से देना है.
डॉ वंदना ने बताया कि ग्लूकोस लगाने के लिए यदि बच्चे में नस नहीं मिल रही है तो इंट्रा ओसियस के माध्यम से बच्चे में जल्दी पानी की कमी को दूर किया जा सकता है. डॉ वंदना ने कहा कि यदि बच्चे में थोड़े समय के लिए भी पानी की कमी रह जाती है तो उससे इसके दिमाग,दिल व किडनी पर इफेक्ट हों सकता है.
आज होंगी कृत्रिम अंगों पर ट्रेनिंग
ट्रेनिंग इंचार्ज डॉ कुंदन मितल ने कहा कि उनका प्रयास है कि यहां से प्रशिक्षण लेकर जाने वाला हर चिकित्सक शिशुओं का इलाज करने में पूरी तरह से सक्षम हो. डॉ प्रशांत कुमार ने बताया कि कल सभी चिकित्सकों को प्रेक्टिकल तौर पर कृत्रिम अंगों पर केस दिए जाएंगे और उनसे उनका इलाज करवाकर देखा जाएगा.
पुरानी बीमारी की जुटाए जानकारी: डॉ विरेन्द्र
डॉ विरेन्द्र गहलावत ने बताया कि बच्चे से अवश्य पुछे कि उसे अभी क्या-2 तकलीफ है और कितने समय से हैं. क्या वह किसी कोरोना संक्रमित मरीज के सम्पर्क में आया है. बच्चे को कोई पुरानी बीमारी जैसे डायबिटीज,दिल की बीमारी आदि या लंबे समय से किसी दवाई का सेवन तो नहीं कर रहा हैं ताकि इन बातों पर गौर करके उसका इलाज शुरू किया जा सके.
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