बहादुरगढ़ | हरियाणा के बहादुरगढ़ के गांव कसार के नजदीक हुई एक दर्दनाक घटना में तीन वर्षीय मासूम बच्ची की कुएं में डूबने से मौत हो गई. जब तक उसे कुएं से बाहर निकाला गया तब तक मासूम की जान जा चुकी थी. मासूम बच्ची की मौत के बाद परिजनों की आंखों से आंसू रोके नहीं रुक रहे हैं. मामले में पुलिस ने 174 ए के तहत कार्रवाई कर शव को पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया.
मिली जानकारी अनुसार मध्यप्रदेश निवासी सुरेश लंबे समय से बहादुरगढ़ के पटेल नगर में रह रहा है. वह पेशे से राज मिस्त्री हैं. इस दिनों सुरेश कसार गांव के नजदीक काम पर लगा हुआ था. वीरवार को सुरेश व उसकी पत्नी भवन निर्माण के कार्य में लगे हुए थे. उन्होंने अपनी तीन साल की बच्ची लक्ष्मी को भी खेलने के लिए निर्माणाधीन भवन के पास ही बैठाया हुआ था. वहां पास ही एक कुआं है जिसकी कोई बाउंड्री भी नहीं थी.
खेलते-खेलते न जाने कब मासूम बच्ची कुएं की तरफ चली गई और उसमें गिर गई. जब माता-पिता को अपनी बेटी दिखाई नहीं दी तो उन्होंने उसे ढूंढना शुरू किया. ढूंढते हुए जब वो कुएं के पास आएं तो नन्ही बच्ची कुएं में पड़ी मिली. उसे निकालकर हस्पताल लें जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. सूचना मिलते ही सेक्टर-6 थाना पुलिस मौके पर पहुंची और जरुरी कार्यवाही शुरू की.
बताया जा रहा है कि लक्ष्मी अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी. शादी के करीब 10 वर्ष पश्चात दंपति को लक्ष्मी के रूप में संतान की प्राप्ति हुई थी. संतान प्राप्ति के लिए सुरेश व उसकी पत्नी ने भगवान से काफी मन्नतें मांगी थी. इस हादसे के बाद परिजनों का रो-रोकर बूरा हाल है.
कुएं और बोरवेल हो बंद
जांच अधिकारी हरिओम ने कहा कि शव को पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया है. मामले में 174 ए के तहत कार्यवाही की गई है. उधर स्थानीय लोगों ने भी बच्ची की मौत पर गहरा दुःख जताते हुए कहा कि आबादी के आसपास कुएं और बोरवेल बंद होने चाहिए. अगर बंद नहीं होते हैं तो सुरक्षा के लिए कम से कम उसके चारों तरफ दीवारें तो होनी चाहिएं,ताकि हादसों पर अंकुश लग सके.
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