पंचकूला । प्रदेश के किसानों को हरियाणा सरकार ने खुशखबरी दीं है. हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं पर पूर्ण रूप से अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है. प्रदेश में पराली (धान के फसल अवशेष) के प्रबंधन के लिए राज्य सरकार अभी से तैयारियों में जुट गई है. इसके लिए सरकार किसानों को आर्थिक मदद मुहैया करवाएगी. इस साल स्ट्रा बेलर द्वारा पराली की गांठ या बेल बनवाकर इसे औधोगिक इकाईयों में देने वाले किसानों को प्रति एकड़ एक हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि मिलेगी.
किसानों और उधोगों को पोर्टल पर कराना होगा पंजीकरण
हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि इस योजना का लाभ उठाने के लिए विभाग के पोर्टल https://agriharyana.gov.in पर पंजीकरण करना होगा. अधिक जानकारी के लिए किसान साथी अपने निकटतम कृषि अधिकारी या टोल फ्री नंबर 1800-180-2117 पर कॉल कर सकते हैं. इस पोर्टल के जरिए किसान और उधोग पराली का लेन-देन कर सकेंगे. यह पोर्टल किसानों और उधोगों को पराली की मांग और आपूर्ति के लिए मध्यस्थता करने का काम करेगा. प्रदेश सरकार ने इसके लिए 230 करोड़ रुपए का बजट जारी किया है.
अनुदान पर मिलेंगी स्ट्रा बेलर
राज्य के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ सुमिता मिश्रा ने बताया कि पराली की गांठें बनाने वाली स्ट्रा बेलर किसानों को अनुदान पर उपलब्ध कराई जाएगी. उन्होंने सभी औधोगिक इकाईयों को भी पराली के लिए पोर्टल पर जाकर पंजीकरण करवाने की गुजारिश की है, ताकि समय पर उनकी पराली की मांग पूरी हो सके. उन्होंने कहा कि इस तरह पराली जलाने की समस्या से भी छुटकारा मिल सकेगा और पर्यावरण को भी प्रदुषित होने से बचाया जा सकेगा.
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