बहादुरगढ़ । मॉनसून की पहली झमाझम बरसात मे शहर के ड्रीम प्रोजेक्ट वेस्ट जुआ ड्रेन की रीमॉडलिंग भी डूब गई. नगर परिषद द्वारा सांखोल गांव से लेकर विवेकानंद नगर तक वेस्ट जुआ ड्रेन की रीमॉडलिंग की गई है. बता दें कि इस प्रोजेक्ट पर 67 करोड रुपए की लागत खर्च की जायेगी . लेकिन काम शुरू होने के साथ ही इसकी गुणवत्ता को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए थे. एक बार फिर बरसात में इस ड्रेन की असलियत शहर के सामने आ गई.
आम जनता को भुगतना पड़ रहा है विभाग की लापरवाही का नतीजा
नगर परिषद की इस अनदेखी का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है. बता दे कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व इस प्रोजेक्ट को स्वीकृति दी गई थी. टेंडर के दौरान एक भाजपा नेता के रिश्तेदार की एजेंसी द्वारा अबॉव रेट भरने की वजह से इसकी लागत बढ़कर 66 करोड़ हो गई थी. इस काम का टेंडर पीआरएल प्रोजेक्ट कंपनी को अलॉट किया गया था. करीब 110 फुट चौड़ी ड्रेन को प्रोजेक्ट को पहले 80 फुट करवा दिया गया. इस प्रोजेक्ट की चौड़ाई कम करने की वजह से दो-तीन पूर्व पार्षदों समेत करीब 283 कब्जाधारियों को काफी राहत मिली, लेकिन अधिकांश नगरवासी अब इसका खामियाजा भुगत रहे हैं.
इस प्रोजेक्ट को लेकर सवालों के घेरों में नगर परिषद
निर्माण के दौरान स्क्रीन की जांच श्री राम एटीट्यूड ऑफ इंडस्ट्रियल रिसर्च लैब से करवाई गई, रिपोर्ट में सैंपल निर्धारित मानकों पर खरा नहीं उतरा था. इसके बाद यह रिपोर्ट नगर परिषद के सभी कंप्यूटरों से डिलीट कर, कंस्ट्रक्शन कंपनी पर कार्रवाई करने की बजाय उसे करोड़ों रुपए का भुगतान कर दिया गया.
डिजाइन और ड्राइंग की अवहेलना कर इसका लेवल मनमर्जी से ऊंचा नीचा किए जाने से भी लोगों में आक्रोश है. यहां आए दिन हादसा होने की आशंका बढ़ गई है. वही जल निकासी के लिए बनाई गई ड्रेन और सड़क पर भी भारी जलभराव से लोगों को राहत मिलने के स्थान पर परेशानी और बढ़ गई है. नगर परिषद द्वारा जिस हलके तरीके से इस बड़े प्रोजेक्ट को हैंडल किया गया है, वह सवालों के घेरे में है.
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