नई दिल्ली । टोक्यो ओलंपिक के मैदान में पहले दिन पुरुष हॉकी टीम ने जीत के साथ खाता खोल दिया है. टीम की जीत में कुरुक्षेत्र के हॉकी खिलाड़ी सुरेंद्र कुमार पालड़ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. मैच के अंतिम क्षणों में पोस्टि की जिम्मेदारी संभाल रहे सुरेंद्र ने विरोधी टीम को मिले पेनल्टी कॉर्नर की बॉल को रोककर उसके बीच से क्लियर किया.
भारतीय टीम के खिलाड़ियों की चौकसी से विरोधी टीम पेनल्टी कॉर्नर को गोल में नहीं बदल पाई और भारत ने न्यूजीलैंड को तीन से दो से हराकर पहला मैच जीत लिया.
मैच के दौरान बढ़ती रहीं धड़कनें
भारतीय हॉकी टीम का मैच देखते हुए खेल प्रेमियों और ओलंपियन सुरेन्द्र कुमार पालड़ के परिवार के सदस्यों की धड़कने लगातार बढ़ती रहीं. मैच के हर गुजरते पल के साथ ही उनकी बेचैनी बढ़ती गयी. मैं जब अंतिम क्षण में पहुँच गया, तो विरोधी टीम न्यूजीलैंड को पेनल्टी कॉर्नर मिल गया. इस पेनल्टी कॉर्नर को रोककर भारतीय खिलाड़ियों ने जीत की शुरुआत की.
ओलंपियन सुरेंद्र के पिता मलखान सिंह, उसकी माता नीलम बाई, नरेंद्र ने पड़ोसी महेंद्र और गुड़िया के साथ बैठकर टीवी पर पूरा मैच देखा. सुरेंद्र के भाई नरेंद्र ने कहा कि भारतीय टीम का प्रदर्शन शानदार रहा.
मैच देखने के लिए सुबह स्टेडियम की छुट्टी
सुरेन्द्र कुमार पाल ने कुरुक्षेत्र के दौरान आचार स्टेडियम के खेल मैदान से अपने खेल की शुरुआत की थी. कुरुक्षेत्र के सुरेंद्र का मैच देखने के लिए सुबह के समय स्टेडियम की भी छुट्टी की गई थी. हॉकी खिलाड़ियों के साथ साथ खेल प्रशिक्षकों ने भी घर पर बैठकर हॉकी मैच का पूरा आनन्द लिया था. हालांकि कोर सोहनलाल ने बताया कि टीम पूरी लय में है. ब्रिटेन के पहला गोल करने के बाद टीम ने लगातार दबाव बनाते हुए बढ़त बनाई और जीत दर्ज करवाई है. रोज़ टीम के सामने हमारे डिफेंडर मजबूती के साथ खड़े रहे.
बता दें कि भारतीय टीम ने हॉकी खेल में ही नहीं, जबकि क्रिकेट जैसे तमाम खेलों में भी प्रभुत्व बनाई हुई है. भारत के वीर खिलाड़ी कई खेलों में विदेशों में नाम रोशन कर चूके हैं. आज भारत का नाम खेलों के मामले में बहुत ऊपर पहुँच चुका है. ऐसे में भारत के लोगों को वीर खिलाड़ियों के ऊपर गर्व महसूस कर रहे हैं.
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