नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2 अगस्त 2021 को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ई- रुपी डिजिटल प्लेटफार्म को लॉन्च करने जा रहे हैं,जो सही मायने में व्यक्ति- विशिष्ट और उद्देश्य- विशिष्ट डिजिटल पेमेंट समाधान का जरिया होगा. पीएम मोदी हमेशा से ही डिजिटल पहलुओं को व्यापक स्तर पर प्रोत्साहन करते हुए नजर आए हैं. पिछले कुछ सालों के दौरान यह सुनिश्चित करने के लिए कई कार्यक्रम भी शुरू किए गए हैं.
केन्द्र सरकार की मंशा है कि जिस भी लाभ को निर्दिष्ट लाभार्थियों तक पहुंचाना है,वह बगैर किसी लीकेज वाले तरीके से हीं उन तक पहुंच पाए. इस प्रकार की अनुठी सुविधा के तहत सरकार और लाभार्थी के बीच महज कुछ हीं टच प्वाइंट होते हैं.इसके तहत इलेक्ट्रॉनिक वाउचर की अवधारणा सुशासन के इस विजन को आगे भी बढ़ाती है.
ई- रुपी डिजिटल भुगतान एक कैशलेस और सम्पर्क रहित माध्यम है.यह एक क्यू आर कोड या एसएमएस आधारित ई- वाउचर है ,जिसे लाभार्थियों के फोन तक पहुंचाया जाता है. इस निर्बाध एकमुश्त भुगतान व्यवस्था के उपयोगकर्ता अपने सेवा प्रदाता के केंद्र पर कार्ड, डिजिटल भुगतान ऐप या इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस के बिना हीं वाउचर की राशि को हासिल करने में सक्षम होंगे. इसे नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने अपने यूपीआई प्लेटफार्म पर वित्तीय सेवा विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सहयोग से विकसित किया है.
इसके तहत यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि लेन-देन पूरा होने के बाद ही सेवा प्रदाता को भुगतान किया जाएं. प्रीपेड होने की वजह से सेवा प्रदाता को किसी मध्यस्थ के हस्तक्षेप के बिना हीं सही समय पर भुगतान संभव हो पाएगा. उम्मीद है कि यह डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन कल्याणकारी सेवाओं की भ्रष्टाचार मुक्त आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा. इसका उपयोग मातृ और बाल कल्याण योजनाओं के तहत दवाएं और पोषण संबंधी सहायता, टीबी उन्मूलन कार्यक्रम , आयुष्मान भारत जैसी स्कीमों के तहत दवाएं और निदान, सब्सिडी आदि की योजनाओं के तहत सेवाएं उपलब्ध कराने में किया जा सकता है.
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