चंडीगढ़ । हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पहलवान रवि दहिया का मनोबल बढ़ाया है. रवि दहिया के टोक्यो ओलंपिक फाइनल में पहुंचने पर सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि प्रदेश सहित पूरे देश को उन पर गर्व है और उनसे गोल्ड की उम्मीद जताई जा रही हैं.
सीएम खट्टर ने ट्वीट करते हुए लिखा “म्हारे पहलवान रवि दहिया ने टोक्यो में अपने कुश्ती के मुकाबले में कजाकिस्तान के पहलवान को चित करके फाइनल में पहुँचकर गाड़ दिया लट्ठ. हरियाणा सहित पूरे प्रदेश को आप पर गर्व है और आपसे गोल्ड मेडल की उम्मीदें हैं.
दहिया के गांव में जश्न का माहौल
टोक्यो ओलंपिक फाइनल में पहुँचकर भारत के लिए पदक पक्का करने वाले दहिया के गांव में फ़िलहाल जश्न का माहौल है. दहिया ने बुधवार को ओलंपिक खेलों में फाइनल में पहुंचने वाले दूसरे भारतीय पहलवान बने हैं. उन्होंने 57 किलोग्राम भारवर्ग के सेमीफ़ाइनल में कजाकिस्तान के नूरिस्लाम सनायेव को हराया है.
और इसके तुरंत बाद नाहरी गांव में उनके परिजन और रिश्तेदार खुशियां मनाने लगे. पहलवान बहिया के पिता राकेश की खुशी का ठिकाना नहीं रहा था. उन्होंने कहा “रवि स्वर्ण पदक जीतेगा, मुझे पूरा विश्वास है. मैं अपनी खुशी को शब्दों में बयां नहीं कर सकता.”
पहलवान के पिता राकेश ने कहा उनसे परिवार वालों को पूरी उम्मीद है. उसने परिवार वालों से वादा कर रखा है कि वह ओलंपिक स्वर्ण पदक लेकर आएगा. वह हर दिन 8 घंटे तक अभ्यास करता था. उन्होंने कहा कि 6 साल की उम्र में रवि ने गांव के अखाड़े में कुश्ती शुरू कर दी थी और बाद में वह दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में चला गया था.
पिता राकेश ने याद किया वे प्रत्येक दिन गांव से अपने बेटे के लिए दूध और मक्खन लेकर जाते थे. ताकि उनके बेटे को पोषक आहार मिल सके. दहिया की दादी सावित्री ने बताया कि वह अपने पोते की उपलब्धि से बेहद खुश हैं. उन्होंने आगे कहा टोक्यो जाने से पहले उसने मुझसे कहा था, “दादी में स्वर्ण पदक लेकर आऊंगा.”
वहीं एक अन्य रिश्तेदार रिंकी ने कहा रवि ने मुझसे कहा था कि मौसी मैं पूरे देश को गौरवान्वित करूँगा और आज उसने ऐसा कर दिखाया. वह अब स्वर्ण पदक से बस एक कदम दूर ही है.
रवि दहिया का करियर
नाहरी के मूल निवासी रवि को गांव के संत हंसराज पहलवानी के लिए लेकर गए. गांव में ही उन्होंने रवि को अखाड़े में कुश्ती के दांव सिखाने शुरू कर दिए थे. कुश्ती में रवि का मन ऐसा लग गया कि उसने कुश्ती के दाव-पेंच सीखने के लिए पूरी जी जान लगा दी. कुश्ती के गुर सीखने के साथ ही वह खेत में काम कर रहे किसान पिता के हाथ बंटाते थे. कुश्ती के प्रति जुनून देख 10 वर्ष की उम्र में ही रवि को छत्रसाल स्टेडियम भेज दिया. जहाँ वे दिन प्रतिदिन निखरते चले गए. साल 2017 में घुटने की चोट के कारण सीनियर नेशनल गेम्स में सेमीफ़ाइनल तक पहुँचकर भी उन्हें प्रतियोगिता से बाहर होना पड़ा था. हालांकि कुछ दिन बाद ही उन्होंने फिट होकर दोबारा अभ्यास शुरू कर दिया था.
जमीन पट्टे पर लेकर खेती करते हैं रवि दहिया के पिता
12 दिसंबर 1997 को सोनीपत जिले के नाहरी गांव में जन्मे रवि दहिया के पिता राकेश छोटी जोत के किसान हैं. वह पट्टे पर जमीन लेकर खेती करते हैं और वो स्वयं भी पहलवानी करते थे. लेकिन आर्थिक स्थिती मजबूत न होने की वजह से कुश्ती में आगे नहीं बढ़ सके. उन्होंने बेटे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमका दिया है.
परिजनों से किया वादा, ऐसा खेलूंगा कि दंग रह जाएंगे लोग
टोक्यो ओलिम्पिक में फ्री-इस्टाइल कुश्ती के लिए 57 किलोग्राम बाहर वर्ग में गांव नाहरी के रवि से देश को सफल प्रदर्शन की उम्मीद है. रवि ने ओलंपिक मैच से पहले परिजनों से वादा किया था कि वो ऐसा खेल दिखाएंगे कि सभी लोग दंग रह जाएंगे. रवि ने वादे को पूरा कर फाइनल तक सफर तय कर लिया है. परिजनों को पूरी उम्मीद है कि रवि की झोली में स्वर्ण पदक जरूर डलेगा.
रवि दहिया की उपलब्धियां
- वर्ष 2013 में अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में रजत पदक जीता था.
- वर्ष 2014 में जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था.
- वर्ष 2015 में जूनियर विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था.
- वर्ष 2017 में हुई सीनियर नेशनल गेम्स में शानदार प्रदर्शन कर सेमीफ़ाइनल में पहुंचे लेकिन चोट के कारण उन्हें बाहर होना पड़ा था.
- वर्ष 2018 में विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था.
- वर्ष 2019 में विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था.
- वर्ष 2019 व 2020 में लगातार दो बार एशियन चैंपियनशिप रहे थे.
बता दें रवि से पहले एकमात्र फाइनल में पहुंचने वाले सुशील कुमार हैं. उन्होंने लंदन ओलंपिक 2012 में रजत पदक हांसिल किया था.
गौरतलब है सोनीपत के गांव नाहरी के पहलवान रवि दहिया ने पिता से किया वादा निभाते हुए ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन कर देश के लिए पदक पक्का कर लिया है. रवि दहिया ने बुधवार को देशवासियों को झूमने का सुनहरा मौका दिया. रवि ने सुबह प्री क्वार्टर फाइनल में कोलंबिया के आस्कर एडुआर्डो डिग्रेरोस को 32-2 से व क्वार्टर फाइनल में बुलगारिया के जिओरजी वैलेंटिनोव वंगलोव को 14-4 से हराकर सेमीफ़ाइनल में जगह बनाई है.
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