नई दिल्ली | आज के समय में दालो (Pulses) की कीमत आसमान को छूने लगी हैं किन्तु आशा है कि आने वाले कुछ दिनों में यह कम हो सकती है. सरकार द्वारा इस मामले को काफी गंभीरता से लेते हुए बड़ा कदम उठाया जा रहा है. सरकार ने दाल का आयात बढ़ाने का निर्णय लिया है. डायरेक्टरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड यानी डी जी एफ टी (DGFT) ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए उड़द दाल और अरहर (तुअर) दाल की आयात कोटा सूची जारी कर दी है.
सरकार की ओर से चार लाख टन अरहर (Arhar) दाल का आयात करने की मांग को मंजूरी दे दी गई है. इसके अतिरिक्त, करीब 1.5 लाख टन उड़द (Urad) दाल का आयात करने की भी मांग को भी हरी झंडी मिली है. कारोबारियों को 15 नवंबर तक 4 लाख टन अरहर दाल का आयात करने को कहा गया है. डी जी एफ टी के अन्तर्गत आने वाले रीजनल अथॉरिटी को जरूरी स्तर पर आवेदकों को लाइसेंस जारी करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए कहा गया है.
सरकार द्वारा उठाएं अहम कदम, दाल की कीमतों में हो सके कटौती
- सितंबर के माह में शुरू की गई नई योजना के अंतर्गत थोक के खुदरा क्षेत्र में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बफर स्टॉक से राज्यों को दालों की पेशकश की जा रही है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने क हा कि अरहर दाल और उड़द दाल खरीफ की फसल के कटाई का समय नजदीक आने के बावजूद पिछले एक पखवाड़े में दालों की खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी दिखने को मिली है.
- सरकार की तरफ से आए बयान में कहा गया है, ‘‘इन दालों की खुदरा कीमतें बीते वर्ष की तुलना में न केवल अधिक बनी हुई हैं, अपितु हाल ही में इसमें और उछाल भी नजर आया है. मंत्रालय की ओर से दिए गए निर्देशों में कहा गया है कि आज के दिन तक आंध्र प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, बिहार तथा तमिलनाडु ने करीब एक लाख टन तुअर दाल की जरुरत को पुरा किया है. आने वाले समय में हमे कुछ अन्य राज्यों के आगे आने की उम्मीद है.
- उड़द दाल के आयात के लिए लाइसेंस 31 मार्च 2020 तक के लिए वैलिड होगा, यानी की 31 मार्च तक तय समय के अनुसार उड़द दाल 31 मार्च तक भारतीय बंदगाहों पर पहुंच जाना चाहिए. एक माह पहले तक 80 से 90 रुपये प्रति किलो के आधार पर मिलने वाला अरहर दाल इन दिनों 20 से 25 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी का सामना कर चुका है.