नई दिल्ली | आज सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला देते हुए कहा कि घर की बहू को अब न केवल अपने पति की संपत्ति पर बल्कि परिवार की पैतृक संपत्ति में भी वह समान रूप से साझेदार होगी. उच्चतम न्यायालय ने अपने दो सदस्यीय पीठ का फैसला बदलते हुए यह निर्णय दिया. श्री अशोक भूषण की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्य पीठ ने यह निर्णय देते हुए बताया कि संयुक्त परिवार की बहू का उस परिवार की पैतृक संपत्ति पर भी उतना ही हक है जितना उसका उसके पति के द्वारा अर्जित की हुई संपत्ति पर हक है.
अब तक था सिर्फ पति की सम्पति पर हक
सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय ऐतिहासिक माना जाएगा क्योंकि अब तक भारत में किसी भी बहू को सिर्फ अपने पति के द्वारा अर्जित की हुई संपत्ति में ही हक मिलता था ना कि उसके ससुराल पक्ष के पैतृक पक्ष की संपत्ति पर. घरेलू हिंसा की शिकार महिला के द्वारा सुप्रीम कोर्ट तक यह मामला ले जाया गया जहां पर उसे न केवल न्याय मिला है बल्कि महिलाओं के लिए यह निर्णय एक नज़ीर बन गया है जिससे वह ससुराल के घर को अपना कानूनी घर मान सकेंगी क्योंकि हमारे समाज मे आज भी बेटियों को पराया धन समझा जाता है और शादी के बाद ससुराल में भी उसे किसी और घर की होने के कारण दोयम दर्जे का व्यवहार किया जाता है.
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