चंडीगढ़ | आमतौर पर किसी समुदाय या संप्रदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले शब्दों पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठाई जाती है. गोरखधंधा भी एक ऐसा शब्द है जिस पर गोरखनाथ समुदाय के लोग कई राज्यों में बैन करने की मांग कर रहे है. हरियाणा सरकार ने प्रदेश में इस शब्द के इस्तेमाल को लेकर बड़ा फैसला लिया है.
हरियाणा सरकार ने अनैतिक प्रथाओं के लिए आमतौर पर प्रयोग किए जाने वाले ‘गोरख धंधा’ शब्द के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है. हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने यह निर्णय गोरखनाथ समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा उनसे मुलाकात करने के बाद लिया. बुधवार को जारी आधिकारिक सूचना के मुताबिक, प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से उक्त शब्द के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि इस शब्द के नकारात्मक अर्थ निकालने से संत गोरखनाथ के अनुयायियों की भावनाओं को ठेस पहुंची है. प्रदेश में गुरु गोरखनाथ के अनेक अनुयायी हैं. उनकी भावनाएं इस शब्द के इस्तेमाल से आहत नहीं होने देंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु गोरखनाथ एक संत थे और किसी भी राजभाषा, भाषण या किसी भी संदर्भ में इस शब्द का प्रयोग उनके अनुयायियों की भावनाओं को आहत करता है, इसलिए किसी भी संदर्भ में इस शब्द का उपयोग राज्य में पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है. गोरखनाथ एक संत थे और उन्हें समर्पित एक मंदिर सोनीपत से 20 किलोमीटर दूर गोर्ड गांव में स्थित है.
जानकारी के लिए बता दें कि गोरखधंधा शब्द को प्रतिबंधित करने की मांग राजस्थान और उत्तर प्रदेश में भी समय-समय पर उठती रहती है. नाथ समुदाय के लोगों द्वारा इस शब्द को बैन करवाने की मांग को लेकर कई बार प्रदर्शन भी किए गए है. वहीं, कुछ दिन पहले बुढ़ाना में महायोगी शिव गोरखनाथ महासभा व नाथ सम्प्रदाय के लोगों ने तहसील मुख्यालय पर शब्द ‘गोरखधंधा’ के इस्तेमाल के शिलाफ प्रदर्शन किया था. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि आए दिन प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में तथा प्रशासनिक अधिकारी रोजाना गलत कार्यों के लिए इस शब्द का प्रयोग करते है. उनकी मांग थी कि इस शब्द का गलत इस्तेमाल करने पर रोक लगे और उचित दंडात्मक कार्यवाही की जाए.
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