हरियाणा में पंचायत चुनाव से पहले बड़ी घोषणा, ‘छोटी सरकार’ को मिलेंगे मॉडर्न पंचायत भवन: दुष्यंत चौटाला

चंडीगढ़ | चुनाव के दिन जैसे-जैसे करीब आते हैं राजनीतिक नेताओं और मंत्रियों द्वारा तमाम तरह की घोषणा की जाती है. तत्कालीन सरकार की ओर से भी कई नई योजनाओं की शुरुआत भी होने लगती है. जल्दी ही हरियाणा के भीतर भी पंचायती चुनाव होने है उससे पहले प्रदेश के डिप्टी सीएम ने बड़ी घोषणा की है.

dushant chautala

बीते गुरुवार 19 अगस्त को हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (जिनके पास विकास एवं पंचायत विभाग का प्रभार भी है) ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता की. बैठक का मुख्य रूप से ‘छोटी सरकार’ कही जाने वाली पंचायती राज संस्थाओं के लिए जिला मुख्यालय पर ‘मॉडर्न पंचायत भवन’ बनाने के लिए तैयार किए गए प्रस्ताव व नक्शा पर चर्चा हुई. इस दौरान उप मुख्यमंत्री ने कहा, राज्य सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं जैसे ग्राम पंचायत, ब्लॉक समिति व जिला परिषद को सशक्त करने की दिशा में कई कदम उठाए हैं. अब सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रदेश के हर जिला मुख्यालय पर ‘मॉडर्न पंचायत भवन’ बनाए जाएंगे. इसको लेकर उप मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी दिए.

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हर जिले में बनेंगे ‘मॉडर्न पंचायत भवन’

उपमुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि प्रदेश के प्रत्येक जिला मुख्यालय पर मॉर्डन पंचायत भवन बनाए जाएंगे. जिनमें जिला परिषद के चेयरमैन के साथ-साथ पार्षदों के बैठने के लिए भी अलग-अलग कमरे बनाए जाएंगे. ताकि वहां बैठकर वे अपने-अपने क्षेत्र की विकास योजनाओं का खाका तैयार कर सकें. वर्तमान समय में केवल चेयरमैन एवं वाइस चेयरमैन के पास ही अपना कार्यालय है और जिला पार्षदों के पास जिला परिषद भवन में बैठने के लिए कोई स्थायी व्यवस्था नहीं है. वहीं, इन ‘मॉडर्न पंचायत भवनों’ में संबंधित विभाग के कार्यालय, मीटिंग-हॉल, प्रदर्शनी-हॉल, स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की बिक्री के लिए दो दुकानें तथा जिम-कम-योगा हॉल बनाया जाएगा.

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पंचायती राज संस्थानों को कई शक्तियां प्रदान

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार शक्तियों के विकेन्द्रीकरण में विश्वास रखती है, इसलिए पंचायतीराज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों को अनेक अधिकार दिए जा रहे हैं. इन संस्थाओं को स्वच्छता, जल संरक्षण, फसल अवशेष जलाने में कमी लाने जैसे विभिन्न कार्यों पर निगरानी रखने की शक्तियां प्रदान की हैं. उन्हें गांव में शराब का ठेका खोलने या न खोलने की शक्तियां भी दी हैं. उन्होंने यह भी बताया कि पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिति मजबूत करने के लिए सम्पत्ति के पंजीकरण पर लगाए गए स्टाम्प शुल्क का दो प्रतिशत राजस्व प्रदान करने का निर्णय लिया गया है. बता दें कि इसी साल हरियाणा में पंचायत और स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं.

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