चंडीगढ़ । हरियाणा की गठबंधन सरकार ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में उन तमाम शहरी लोगों को खुशखबरी दी है जो अवैध कालोनियों में रह रहे हैं. राज्य सरकार इन कालोनियों में रह रहे लोगों के लिए न केवल बिजली, सड़क,पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं को उपलब्ध करवाएंगी बल्कि तमाम अवैध कालोनियों को रजिस्टर्ड भी करने जा रही है. इससे सरकार व जनता दोनों को फायदा पहुंचेगा. राज्य सरकार के खजाने में राजस्व आएगा और आम आदमी के दिमाग से बेघर होने का डर निकल जाएगा.
हरियाणा सरकार के इस फैसले से पूरे प्रदेश खासकर सोनीपत, गुरुग्राम, फरीदाबाद, हिसार, कुरुक्षेत्र, करनाल, अंबाला और पंचकूला में प्रोपर्टी के दामों में उछाल आने की संभावना जताई गई है. मनोहर सरकार ने सोमवार को विधानसभा के मानसून सत्र में हरियाणा नगरपालिका क्षेत्रों में अपूर्ण सुख-सुविधाओं तथा अवसंरचना का प्रबंधन संशोधन विधेयक 2016 तथा 2021 में बड़ा बदलाव किया है. अभी तक सरकार ने निर्णय लिया हुआ था कि 31 मार्च 2015 से पहले विकसित ऐसी अवैध कालोनियों को ही रजिस्टर्ड किया जाएगा, जिनमें प्लांटों पर 50 फीसदी से ज्यादा निर्माण कार्य हो चुका है.
अब प्रदेश सरकार ने नए संशोधन विधेयक में 31 मार्च 2015 की समय-सीमा समाप्त करने के साथ ही 50 फीसदी से ज्यादा निर्माण की अनिवार्यता को भी समाप्त कर दिया है. यानि ऐसी तमाम अवैध कालोनियों को रजिस्टर्ड किया जाएगा जो 2021 तक भी अवैध है.इन कालोनियों को नियमित करने के लिए प्रदेश सरकार एक राज्य स्तरीय पॉलिसी तैयार करेगी , जिसमें यह प्रावधान किया जाएगा कि सुख-सुविधाओं तथा इन कालोनियों को नियमित करने के लिए संबंधित बिल्डरों को कितनी भुगतान राशि देनी होगी. जब तक यह पालिसी तैयार नहीं हो जाती ,तब तक किसी भी अवैध कालोनी में रहने वाले लोगों के खिलाफ कोई भी कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी.
भाजपा को मिलेगा शहरी लोगों का साथ
प्रदेश के शहरी निकाय मंत्री अनिल विज की ओर से मानसून सत्र में यह संशोधन विधेयक पेश किया गया था जिस पर मुख्यमंत्री पहले ही सहमति दें चुके हैं. विधानसभा में मामूली चर्चा के बाद इस संशोधन विधेयक को पारित कर दिया गया. इस निर्णय से भाजपा को शहरी क्षेत्रों में राजनीतिक रूप से बहुत फायदा पहुंचेगा.
कालोनियों की पहचान के लिए नए सिरे से सर्वे
मुख्यमंत्री मनोहर लाल और शहरी निकाय मंत्री अनिल विज ने हाल ही में निकायों की प्रोपर्टी पर सालों से किराएदार व लीजधारक के रुप में जमे हजारों शहरी लोगों को मालिकाना हक देकर बड़ी राहत प्रदान की है. शहरी निकाय विभाग के निदेशक डीके बेहरा ने बताया कि नए सिरे से सर्वे किया जाएगा कि प्रदेश में ऐसी कालोनियों की संख्या कितनी है जो हरियाणा सरकार के नए संशोधित फैसले के दायरे में आती है.
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