चंडीगढ़ | शुक्रवार 20 अगस्त से हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हुआ. पांच दिन के मानसून सत्र में दो दिन अवकाश होने के कारण विधानसभा की कार्यवाही केवल तीन दिन ही चली. इस दौरान विपक्ष ने सरकार को बेरोजगारी, पेपर लीक, अपराध, कोरोना व किसान आंदोलन जैसे मुद्दों पर घेरा, वही दूसरे और तीसरे दिन सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण विधेयक पास किए गए.
20-24 अगस्त तक चले हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र में तीन दिन विधानसभा की कार्रवाई हुई. मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि 3 दिन तक चले विधानसभा मानसून सत्र के दौरान कुल 11 विधेयक पारित किए गए. हालांकि विपक्ष ने कुछ विधेयकों को समिति के पास भेजने की मांग कर हंगामा करने की कोशिश की, लेकिन विपक्ष की शंकाओं को दूर करते हुए कुछ विधेयकों में जरूरी सुधार कर उन्हें पारित किया गया.
विधानसभा के मानसून सत्र में पारित हुए 11 विधेयक
हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र में कुल मिलाकर 11 विधेयक पारित हुए. मानसून सत्र के दूसरे दिन 23 अगस्त सोमवार को पांच विधेयक जबकि तीसरे दिन 24 अगस्त मंगलवार को छह विधेयक पारित किए गए. यहां नीचे हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र में पारित सभी 11 विधेयकों/ बिलों की लिस्ट और विस्तृत जानकारी दी गई है.
1. हरियाणा नगर पालिका क्षेत्र में अपूर्ण नागरिक सुख सुविधाओं व अवसंरचना का प्रबंधन विशेष उपबंध संशोधन विधेयक 2021
यह विधेयक हरियाणा नगरपालिका क्षेत्रों में अपूर्ण नागरिक सुख-सुविधाओं व अवसंरचना का प्रबंधन (विशेष उपबंध) अधिनियम, 2016 को आगे संशोधित करने के लिए पारित किया गया है. अधिनियम, 2016 नागरिक सुख-सुविधा अपूर्ण क्षेत्रों में आवश्यक सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से अधिनियमित किया गया था लेकिन अधिनियम की धारा 3 के प्रावधान कुछ व्यावहारिक कठिनाइयां प्रस्तुत कर रहे थे. प्रावधान के अनुसार जहाँ केवल 31 मार्च, 2015 से पूर्व प्लाट का 50 प्रतिशत से अधिक का निर्माण हुआ है, अधिनियम के अधीन अर्हक के रूप में माना जाना है. चूंकि ऐसे अपूर्ण क्षेत्र तथा उनका अस्तित्व में आना एक सतत प्रक्रिया है। इसलिए यह प्रावधान कतिपय मामलों में कठिनाई पेश करता है. इसलिए, इस प्रावधान में अपेक्षित सुधार करने के लिए अधिनियम में संशोधन करना आवश्यक हो गया था.
2. महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय कैथल संशोधन विधेयक 2021
यह विधेयक महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय, कैथल अधिनियम, 2018 को आगे संशोधित करने के लिए पारित किया गया है. इस अधिनियम को महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय, कैथल (संशोधन) विधेयक, 2021 कहा जाएगा. महर्षि बाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय, कैथल अधिनियम, 2018 (2018 का अधिनियम संख्या 20) उच्च शिक्षा में क्षमता के विस्तार और उसमें संस्कृत भाषा और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए सरकार की पहल के पूरक के लिए अधिनियमित किया गया था. राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय, कैथल के नाम पर की गई थी, लेकिन यह देखा गया कि हिन्दू पौराणिक कथाओं में महर्षि वाल्मीकि का नाम महर्षि बाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय, कैथल में प्रयुक्त नाम से भिन्न है. इस प्रकार अब विश्वविद्यालय के नाम को महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय कैथल के रूप में पढ़ा जाना चाहिए.
3. हरियाणा लोकायुक्त संशोधन विधेयक 2021
हरियाणा लोकायुक्त अधिनियम 2002 को आगे संशोधित करने के लिए हरियाणा लोकायुक्त (संशोधन) विधेयक 2021 पारित किया गया है. हरियाणा लोकायुक्त अधिनियम 2002 के अनुसार धारा 6 की उप धारा (4) में लोकायुक्त के नियम और शर्तें इस प्रकार हैं. लोकायुक्त को भुगतान योग्य वेतन, भत्ते तथा सेवा की अन्य शर्तें वहीं होंगी जो समय-समय पर उच्चतम न्यायालय के पीठासीन न्यायाधीश या उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश या न्यायाधीश, जैसी भी स्थिति हो, को उसके द्वारा धारण किये गये पद के अनुसार उपलब्ध हो, परन्तु लोकायुक्त को उपलब्ध वेतन, भत्ते तथ अन्य सुविधाएं सौदेबाजी वाले नहीं होंगे. हरियाणा लोकायुक्त अधिनियम, 2002 की धारा 6 की उप-धारा (4) को निम्नलिखित उप-धारा से प्रतिस्थापित किया गया है. (4) लोकायुक्त के वेतन, भत्ते और सेवा की अन्य शर्तें ऐसी होंगी, जो अपनी पूर्व सेवा के लिए पहले से प्राप्त की जा रही संरक्षित पेंशन, यदि कोई हो, सहित पेंशन घटाते हुए उस द्वारा धारित पद के अनुसार उच्चतम न्यायालय के किसी आसीन, न्यायाधीश अथवा उच्च न्यायालय के आसीन मुख्य न्यायाधीश अथवा न्यायाधीश, जैसी भी स्थिति हो, को समय-समय पर, यथा लागू हों, परन्तु लोकायुक्त को उपलब्ध वेतन, भत्ते तथा अन्य सुविधाएं सौदेबाजी वाले नहीं होंगे. लोकायुक्त भुगतान योग्य भत्ते और सेवा की अन्य शर्तें उसकी नियुक्ति के बाद, उसके अहित में परिवर्तित नहीं की जाएंगी. इसलिए यह विधेयक पारित किया गया है.
4. हरियाणा उद्यम प्रोन्नति द्वितीय संशोधन विधेयक 2021
यह विधेयक हरियाणा उद्यम प्रोन्नति अधिनियम, 2016 में और संशोधन करने के लिए पारित किया गया है. राज्य सरकार ने हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन अधिनियम, 2016 अधिनियमित किया था. ताकि राज्य में सेवाएं/अनुमति/अनुमोदन/पंजीकरण/लाइसेंस समय-सीमा के तहत सिंगल रूफ मैकेनिज्म के माध्यम से प्रदान करके राज्य में परियोजनाओं के शीघ्र कार्यान्वयन से निवेशकों की सहायता के लिए नियामक ढांचे का सरलीकरण किया जा सके. राज्य सरकार ने 29 दिसम्बर, 2020 का ‘हरियाणा उद्यम और रोजगार नीति, 2020’ नामक नई औद्योगिक नीति अधिसूचित की, जो 1 जनवरी, 2021 से 31 दिसम्बर, 2025 तक प्रभावी है.
5. पंडित लख्मीचंद राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय रोहतक संशोधन विधेयक, 2021
यह विधेयक पंडित लख्मी चंद राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय रोहतक अधिनियम, 2014 को आगे संशोधित करने के लिए पारित किया गया है. पंडित लख्मी चंद राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय, रोहतक की स्थापना सरकारी तकनीकी संस्थान (एस)सोसाइटीज, रोहतक जिसमें चार संस्थान अर्थात राज्य फाइन आर्ट्स संस्थान, राज्य डिजाइन संस्थान, राज्य फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान और राज्य शहरी योजना एवं वास्तुकला संस्थान शामिल थे, के एकीकृत परिसर को अपग्रेड करके हरियाणा राज्य विधानसभा (2014 के अधिनियम 24) के एक अधिनियम द्वारा डिजाइन, फाइन आर्ट्स, फिल्म एवं टेलीविजन और शहरी योजना एवं वास्तुकला और इनसे जुड़े क्षत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करने के साथ उच्च शिक्षा के उभरते क्षेत्रों में अध्ययन और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए एक अग्रणी विश्वविद्यालय के रूप में की गई थी.
6. पंचकूला महानगर विकास प्राधिकरण विधेयक, 2021
रोजगार के अवसर उत्पन्न करके निवासियों को जीवन की गुणवत्ता और उचित जीविका स्तर उपलब्ध करवाने के माध्यम से पंचकूला महानगर क्षेत्र के निरन्तर, स्थायी तथा संतुलित विकास के लिए विजन विकसित करने हेतु, एकीकृत और समन्वित योजना, अवसंरचना विकास तथा नगरीय सुख – सुविधाओं, गतिशील प्रबन्धन, नगरीय पर्यावरण और सामाजिक, आर्थिक तथा औद्योगिक विकास के स्थायी प्रबन्धन की व्यवस्था के लिए उपबन्ध करने हेतु, तेजी से बढ़ रही नगर बस्तियों के रूप में पंचकूला के आविर्भाव के संदर्भ में स्थानीय प्राधिकरणों के समन्वय में नगरीय सुशासन और डिलीवरी ढांचे को पुन:परिभाषित करने हेतु तथा उससे सम्बन्धित और उसके आनुषंगिक मामलों के लिए वैधानिक प्राधिकरण स्थापित करने हेतु पंचकूला महानगर विकास प्राधिकरण विधेयक , 2021 पारित किया गया है.
7. भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार (हरियाणा संशोधन) विधेयक 2021
भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनव्र्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम, 2013, हरियाणा राज्यार्थ को आगे संशोधित करने के लिए यह विधेयक पारित किया गया है. संसद द्वारा पारित भूमि अर्जन पुनर्वासन और पुनव्र्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम 2013 (जिसे बाद में 2013 का अधिनियम कहा गया है) ने विकास कार्यों के लिए भूमि अधिग्रहण के मामलों को एक नई दृष्टि दी है ताकि भूमि से वंचित होने वाले किसानों को विकास के लाभ सांझा करने के योग्य बनाया जा सके. यह भूमि अधिग्रहण किसानों के अहित के स्थान पर उन्हें विकास प्रक्रिया में हितधारक और साथ ही हिस्सेदार भी बनाता है. इस अधिनियम मंथ किसानों/भूमि मालिकों के लिए न केवल मुआवजा प्रदान करना अपितु उनके पुनर्वास एंव पुनव्र्यवस्थापन हेतु भी कई प्रकार के प्रावधान रखे गये है.
8. हरियाणा माल और सेवा कर (द्वितीय संशोधन) विधेयक 2021
हरियाणा माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 को आगे संशोधित करने के लिए हरियाणा माल और सेवा कर (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2021 पारित किया गया. हरियाणा माल और सेवा कर अधिनियम, 2017(अधिनियम) को राज्य सरकार द्वारा माल या सेवाओं या दोनों की अंत: राज्य प्रदाय पर कर लगाने और संग्रह के प्रावधान के दृष्टिकोण के साथ अधिनियमित किया गया था.
करदाताओं द्वारा सामना की जा रही कठिनाइयों को दूर करने के लिए हरियाणा माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 में संशोधन किया गया है. संशोधन विधियक में अधिनियम में विनिर्दिष्टï वृत्तिक द्वारा वार्षिक खातों की लेखा परीक्षा और सुमेलन विवरण दाखिल करने की अनिवार्य आवश्यकता को हटाने और स्व-प्रमाणन के आधार पर इस तरह के विवरण को दाखिल करने का प्रावधान प्रस्तावित है. इसके अलावा, शुद्घ नकद देयता पर ब्याज वसूलने के लिए और अधिनियम के सम्बन्ध में किन्हीं विषयों से सम्बन्धित किसी भी व्यक्ति से जानकारी मांगने के लिए अधिनियम में संशोधन किया जा रहा है.
9. हरियाणा लोक परीक्षा (अनुचित साधन निवारण) विधेयक 2021
यह विधेयक लोक परीक्षा में अनुचित साधनों तथा प्रश्न पत्र प्रकटन निवारण तथा इससे सम्बन्धित एवं इससे आनुषंगिक मामलों हेतु उपबन्ध करने के लिए पारित किया गया है.
राज्य सरकार में पदों पर भर्ती के मामलों में प्रश्न पत्रों का लीक होना न केवल आम जनता के विश्वास को धोखा देता है और सरकार की विश्वसनीयता पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है, बल्कि राज्य को परीक्षाओं को रदद करने के लिए पर्याप्त प्रशसनिक लागत का सामना करना पड़ता है. भारतीय संवधिान के अनुच्छेद 16(1) के तहत अवसर की समानता के मानदण्ड के अधीन पदों पर चयन की एक निष्पक्ष और उचित प्रक्रिया एक संवैधानिक आवश्यकता है. एक निष्पक्ष और उचित भर्ती प्रक्रिया भी अनुच्छेद 14 की एक मूलभूत आवश्यकता है.
10. हरियाणा परिवार पहचान विधेयक, 2021 (यथासंशोधित)
हरियाणा सरकार अथवा उसकी ओर से किसी सरकारी अभिकरण अथवा स्थानीय प्राधिकरण द्वारा उपबन्धित या कार्यान्वित किसी स्कीम, सेवा, सब्सिडी या लाभ के लिए पात्रता अवधारण के लिए, या के उपबन्ध हेतु, सामान्यता: अपेक्षित ऐसे डाटा क्षेत्रों से सुव्यवथित सूचना से जुड़े हुए प्रत्येक परिवार हेतु विशिष्ट पहचान संख्या के रूप में परिवार पहचान संख्या का आबंटन करने हेतु तथा परिवार पहचान प्राधिकरण की स्थापना के प्रयोजनार्थ तथा इससे सम्बंधित तथा इससे आनुषंगिक मामलों हेतु उपबन्ध करने के लिए हरियाणा परिवार पहचान विधेयक, 2021 को यथासंशोधित पारित किया गया है. यह अधिनियम हरियाणा परिवार पहचान अधिनियम, 2021 कहा जा सकता है.
11. हरियाणा विनियोग (संख्या 3) विधेयक, 2021
विधान सभा में आज मार्च, 2022 के 31वें दिन को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान सेवाओं के लिये हरियाणा राज्य की संचित निधियों में से 127070088000 रुपये की राशि के भुगतान एवं विनियोग का प्राधिकरण देने के लिये हरियाणा विनियोग (संख्या 3) विधेयक, 2021 पारित किया गया.
यह विधेयक भारत के संविधान के अनुच्छेद 204 (1) तथा 205 के अनुसरण में वित्त वर्ष 2021-22 के खर्च के लिए विधानसभा द्वारा किए गए अनुपूरक अनुदानों को पूरा करने के लिए हरियाणा राज्य की संचित निधि में से अपेक्षित राशियों के विनियोग हेतु उपबन्धक करने के लिए पेश किया गया है.
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