पानीपत । टोक्यो ओलिंपिक में भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीतने वाले पानीपत के खंडरा गांव के नीरज चोपड़ा देश की चर्चित हस्ती हो गए हैं. सात अगस्त के बाद से हर किसी की जुबान पर उन्हीं का नाम है. उन्हें नाम, शोहरत व पैसा भी खूब मिला है, लेकिन उनकी दिनचर्या बदल गई है. व्यस्तता इतनी हो गई है कि उन्हें ठीक से खाने व सोने का समय भी नहीं मिल पा रहा है. सुबह से देर रात कर हर रोज 15 से 20 कार्यक्रमों में शिरकत करनी पड़ रही है. मोबाइल से दूर बना रखी है. मोबाइल सुनने व बात करवाने के लिए मैनेजर अमन शाह हैं.
नीरज चोपड़ा ने दैनिक जागरण को बताया कि 10 साल के खेल के कार्यकाल में 2019 में चोटिल होने के बाद पहली बार वह जैवलिन से 20 दिन दूर हुए हैं. उन्हें खेल के मैदान व अभ्यास की याद आ रही है. ओलिंपिक में पदक जीतने के बाद देशवासियों ने उनसे और पदक जीतने की उम्मीद लगा ली है. इस पर खरा उतरने के लिए अभ्यास जरूरी है. अगले साल विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप, कामनवेल्थ व एशियन गेम्स हैं। इनकी तैयारी करनी है. वह दस दिन बाद पटियाला या फिर विदेश में अभ्यास शुरू कर देंगे.
2019 में कोहनी का हुआ था ऑपरेशन
2019 में नीरज की कोहनी का आपरेशन हुआ था. हाथ कमजोर हो गया था. तब वह नौ महीने तक अभ्यास नहीं कर पाए थे. तब उन्हें खेल पाने की चिंता हो गई थी. नीरज ने इंटरनेट मीडिया पर 2019 की कोहनी के आपरेशन और मेडल जीतने के बाद की फोटो डालकर लिखा है कि डाक्टर, कोच व फिजियो का आभारी हूं, जिनके साथ से वह चोट से उबर कर देश के लिए ओलिंपिक का मेडल ला पाया हूं.
गौरतलब है गोल्डन बॉय नीरज चौपड़ा 10 साल के खेल कार्यकाल में 2019 में चोटिल होने के बाद पहली बार 20 दिन जैवलिन से दूर हुए हैं. गोल्ड पदक जीतने के बाद उनकी दिनचर्या ही बदल गई है अब उन्होंने मोबाइल फ़ोन से दूरी बना ली है और हर रोज़ 15 से 20 कार्यक्रम में शिरकत कर रहे हैं.
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