करनाल । मुख्यमंत्री के करनाल दौरे के दौरान किसानों के सिर फोड़ने का आदेश जारी करने वाले एसडीएम आयुष सिन्हा पर कार्रवाई का मामला लगातार गरमाता जा रहा है. किसानों ने लघु सचिवालय के बाहर पक्का डेरा जमा लिया है और वहां सिंघू बार्डर जैसा नजारा देखा जा सकता है. लेकिन इन सबके बावजूद भी सरकार अपने रुख पर कायम हैं. सीएम मनोहर लाल ने तमाम दबाव के बावजूद भी अभी तक एसडीएम के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया है.
इसके पीछे की वजह हर कोई जानना चाहता है कि क्यूं मनोहर लाल एक अधिकारी के लिए किसानों के सामने खड़े होते दिख रहे हैं. इस मामले में राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि एसडीएम पर कार्रवाई न करने की कई वजहें हो सकती है , जिनमें से कुछ प्रमुख वजहो का हम जिक्र कर रहे हैं..
• सबसे पहला और बड़ा कारण तो यह है कि अगर मुख्यमंत्री ने एसडीएम के खिलाफ कोई एक्शन लिया तो अधिकारियों के बीच गलत संदेश जाएगा और वो आगे किसानों के खिलाफ कार्रवाई करने से गुरेज करते हुए नजर आ सकते हैं.
• दूसरा बड़ा कारण यह है कि अगर सीएम ने एसडीएम के खिलाफ कोई एक्शन लिया तो पब्लिक में संदेश जाएगा कि सरकार किसानों से घबरा रही है.
• तीसरा प्रमुख कारण है कि अगर मुख्यमंत्री ने एसडीएम के खिलाफ कोई एक्शन लिया तो इससे किसानों के हौसले और बुलंद हो जाएंगे और यदि आगे किसी अधिकारी ने फिर से किसानों पर इस तरह की कार्रवाई की तो वो इक्कठा हो जाएंगे जो सरकार के लिए चिंता बढ़ाने का काम करेगा.
• चौथा बड़ा कारण यह है कि एसडीएम पर कार्रवाई के लिए सबसे पहले गुरनाम सिंह चढूनी अड़े थे और सरकार लगातार गुरनाम चढूनी पर निशाना साधते हुए कहती रहती है कि चढूनी एक आढ़ती है और राजनीतिक फायदों के लिए किसानों का इस्तेमाल कर रहे हैं. ऐसे में एसडीएम पर कार्रवाई की जाएं तो गुरनाम चढूनी की बड़ी जीत मानी जाएगी जो मुख्यमंत्री मनोहर लाल किसी भी सूरत में नहीं चाहते हैं.
• पांचवां बड़ा कारण यह है कि किसान कही भी भाजपा-जजपा के नेताओ के कार्यक्रम नहीं होने दें रहें हैं और ना ही वो सरकार के किसी नुमाइंदे को विकास कार्यों का शिलान्यास करने दे रहे हैं. सरकार लगातार कहती रहती है कि किसानों के विरोध प्रदर्शन का तरीका सही नहीं है. ऐसे में एसडीएम पर कार्रवाई अमल में लाई जाती है तो पब्लिक के बीच सीधा संदेश जाएगा कि किसान जो कर रहे हैं वो सही है जो सरकार के लिए आगे और मुसीबतें खड़ी करने का काम करेगा.
क्या है पूरा मामला
बता दें कि कि बीते दिनों मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हरियाणा बीजेपी की करनाल में एक मीटिंग थीं जिसके विरोध का किसानों ने पहले ही ऐलान कर दिया था. इसकी सुरक्षा का जिम्मा तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा के हाथों में था . उसी समय का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमें एसडीएम कहते हुए दिख रहे हैं कि जो भी किसान यहां आने की कोशिश करें ,उसका सिर फोड़ देना. इसी बात को लेकर किसान भड़के हुए हैं और एसडीएम पर कार्रवाई की मांग करते हुए लघु सचिवालय के सामने पक्का मोर्चा लगाकर डटे हुए हैं.
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