भिवानी | हरियाणा मे किसान आंदोलन पूरी सरगर्मी पर है. हरियाणा सरकार के द्वारा अनेक कदम उठाए जा रहे हैं ताकि किसानो को मनाया जाए लेकिन किसानो की समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. आप सभी जानते हैं कि 1 अक्टूबर से बाजरे की फसल की खरीद शुरू की गई थी, लेकिन शुरुआत में सर्वर अच्छे से काम नहीं कर रहा था. जिसके कारण खरीद केंद्रों पर किसानों की संख्या मे कमी आई थी. लेकिन फ़िलहाल भी हालत ज्यों की त्यों बनी हुई है. तीन -चार दिन बाद सर्वर सही से काम करने के बाद भी बाजरा खरीद की धीमी प्रक्रिया किसानों, अधिकारियों, आढ़तियों सभी के लिए समस्या का कारण बनी हुई है.
आढ़तियों व किसानों द्वारा लगातार मंडी में बुलाए जाने वाले किसानों की संख्या में इजाफा करने की मांग की जा रही है. मार्केट कमेटी द्वारा उनकी मांग उच्च अधिकारियों तक पहुंचाने के बाद भी मंडी में किसानों की संख्या में वृद्धि नहीं हो पाई है.
जाने विस्तार से
जिले में 9 बाजरा केंद्र होने के बावजूद भी 4000 किसानों का पूरा बाजरा नहीं बिक पाया है. जिले में बाजरे की खरीद की प्रक्रिया एक अक्टूबर से शुरू हो गई थी. बाजरा खरीद के लिए 9 केंद्रों की स्थापना की गई. शुरुआती तीन चार दिन सर्वर में दिक्कत आई. उसके बाद सभी केंद्रों पर बाजरा खरीद की प्रक्रिया अच्छे से शुरू की गई. लेकिन खरीद केंद्रों पर काफी कम किसानों को बुलाया जा रहा है. इसी कारण बिक्री शुरू होने के 18 दिन के बावजूद भी 12 प्रतिशत पंजीकृत किसान भी अपनी फसल नहीं बेच पाए है.
आकड़े हैरान करने वाले
आढ़तियो द्वारा लगातार अधिकारियो से मांग बढ़ाने की बात कही जा रही है. अभी तक 3792 किसान ही बाजरा बेच पाए है. जिले मे 28483 किसानो ने बाजरा बेचने के लिए रेजिस्ट्रेशन करवाया था.
मंडी को ताला लगाने की चेतावनी
आढ़तियो ने शुक्रवार को मंडी पहुँचे दादरी सीटीएम सुरेश कुमार के सामने रोजाना 400 किसानो को मंडी बुलवाने की मांग की है. वही भाकियू ने शनिवार को कृषि मंत्री का पुतला जलाकर खरीद की धीमी गति को बढ़ाने के लिए मार्केट सचिव को ज्ञापन सौपा. अगर किसानो की सख्या नहीं बढ़ी तो आगामी मंगलवार को मंडी को ताला लगाने की चेतावनी दी.
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