दिल्ली-पानीपत व सोनीपत हाईवे छोड़ने को तैयार हुए किसान, प्रशासन के सामने रखी ये शर्तें

सोनीपत । मंगलवार को लघु सचिवालय में जिला एवं पुलिस प्रशासन के साथ कृषि कानून के विरोध में आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों की एक बैठक हुई. बता दें कि इस बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त ललित सिवाच ने की. प्रशासन ने आंदोलनकारियों से जीटी रोड के तरफ का एक रास्ता खोलने का अनुरोध किया गया. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुपालना व जनहित में सहयोग की अपील की. वही मोर्चों के प्रतिनिधियों ने भी इस पर सकारात्मक विचार का आश्वासन दिया.

Karnal Mahapanchayat Kisan

किसान आंदोलन से बड़ी खबर आई सामने

बता दें कि उपायुक्त ललित सिवाच ने बताया कि मोनिका अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें जीटी रोड खोलने की मांग की गई थी. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए कि जनहित में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 44 पर कुंडली सिंधु बॉर्डर पर आंदोलनकारियों से एक तरफ के मार्ग पर आम लोगों को रास्ता दिया जाए. वही इस निर्णय के आलोक में उपायुक्त ने संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की.

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इस बैठक में उन्होंने आग्रह किया कि वे दिल्ली से सोनीपत पानीपत मार्ग को खोल दे. इस मार्ग पर आंदोलनकारियों की संख्या कम है. इसके अलावा यह मार्ग काफी जर्जर हो चुका है. इसकी तुरंत मरम्मत करने की आवश्यकता है. वही उपायुक्त सिवाच ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार आंदोलनकारियों का सहयोग अपेक्षित है, ऐसे में आम जनमानस को हो रही परेशानियों को भी दूर करने में सहायता मिलेगी. इसके लिए आंदोलनकारियों को सोच विचार कर सकारात्मक फैसला लेना चाहिए.

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बड़ी संख्या में लोगों का रोजाना दिल्ली आना जाना लगा रहता है, परंतु मार्ग अवरुद्ध होने की वजह से लोगों को काफी समस्या उठानी पड़ती है. वही उपायुक्त ने कहा कि आंदोलन की वजह से राष्ट्रीय राजमार्ग 44 का निर्माण कार्य भी लंबे समय से अवरुद्ध है. ऐसे में यदि आंदोलनकारी एक तरफ का रास्ता देते हैं तो राष्ट्रीय राजमार्ग का एक और का निर्माण कार्य जल्द पूरा हो सकेगा. वही बैठक में शामिल किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों ने कहा कि वह इस पर सकारात्मक विचार करेंगे. वही कुछ प्रतिनिधियों का कहना है कि एक तरफ का मार्ग छोड़ने की स्थिति में उन्हें वैकल्पिक जगह उपलब्ध करवाई जाए.

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