चंडीगढ़ । हरियाणा सरकार द्वारा दिव्यांग व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने, आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए ‘हरियाणा दिव्यांग व्यक्ति पेंशन योजना’ चलाई जा रही है.सामाजिक न्याय एवम् अधिकारिता विभाग द्वारा चलाई जा रही इस योजना का उद्देश्य ऐसे दिव्यांगो को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है जो स्वयं जीवन चलाने में करने में असमर्थ हैं और जिन्हें इसके लिए राज्य से वित्तीय सहायता की आवश्यकता है. वर्तमान में प्रदेश सरकार द्वारा दिव्यांगों को योजना के नियमों में निर्धारित पात्रता मानदंड के अनुसार 2500 रुपये तक मासिक पेंशन के रूप में दिए जा रहे हैं.
योजना के कौन हैं पात्र?
इस योजना के अंतर्गत हरियाणा प्रदेश के ऐसे डोमिसाइल धारक दिव्यांग पात्र हैं, जिनकी आयु 18 वर्ष या उससे अधिक है तथा वह आवेदन जमा करते समय 3 वर्षों से हरियाणा में ही रहें हों. आवेदक की सभी माध्यमों से आय श्रम विभाग द्वारा अकुशल श्रम की अधिसूचित न्यूनतम मजदूरी से अधिक नहीं होनी चाहिए.
इस योजना के अंतर्गत न्यून्तम 60 प्रतिशत अंधापन ,कम दृष्टि, कुष्ठ रोग (ठीक हो चुके व्यक्ति), सुनने में परेशानी, लोको मोटर विकलांगता, मानसिक मंदता और मानसिक बीमारी से ग्रस्त दिव्यांग व्यक्ति पात्र हैं. योजना से जुडऩे के लिए न्यूनतम 60 प्रतिशत तक दिव्यांग होने का सर्टिफिकेट अनिवार्य है.
कौन नहीं कर सकते आवेदन
वृद्धा पेंशन योजना या विधवा पेंशन योजना का लाभ प्राप्त कर रहे दिव्यांग, ऐसे दिव्यांग जो किसी सरकारी पद पर कार्यरत हैं या जिनके पास तीन पहिया या चार पहिया वाहन है वह इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते.
आवेदन प्रक्रिया
हरियाणा दिव्यांग पेंशन योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक ई -दिशा सेंटर और अटल सेवा केंद्र पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. इस योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को हर महीने जोड़ा जाता है.
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