हरियाणा में बस ड्राइवर की बेटी बनी आईएएस अफसर, खबर सुनकर पिता बोले- शाबाश बेटा

बहादुरगढ़ | ‘लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती’, इन पंक्तियों को सही मायने में अपनी कड़ी मेहनत और लगन से यूपीएससी की परीक्षा पास कर बहादुरगढ़ की प्रीति हुड्डा ने सिद्ध कर दिया है.

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हरियाणा बहादुरगढ़ की रहने वाली प्रीति हुड्डा ने भारत के सबसे कठिन एग्जाम यूपीएससी पास कर आईएएस बनने का नया मुकाम हासिल किया है. प्रीति के अधिकारी बनने के सफर में खास बात यह है कि उन्होंने यूपीएससी का एग्जाम और इंटरव्यू दोनों हिंदी भाषा में देकर पास किया. प्रीति उन सभी के लिए प्रेरणा स्रोत बन कर सामने आई है जो सोचते हैं कि हिंदी में यूपीएससी का एग्जाम निकालना कठिन है.

अधिकारी बन चुकी प्रीति हुड्डा के पिता दिल्ली परिवहन निगम (DTC) में बस चलाते हैं. उनके पिता का सपना था कि प्रीति एक आईएएस अधिकारी बने और आज उन्होंने अपने पिता के सपने को साकार भी किया है. प्रीति बताती है कि जब प्रीति ने पिता को आईएएस अफसर बनने की जानकारी दी उस समय भी वे बस ही चला रहे थे. खबर को सुनने के बाद पिता काफी खुश थे, आमतौर पर वे मुंह पर तारीफ नहीं करते हैं लेकिन उस दिन उन्होंने कहा, शाबाश बेटा, आज मैं बहुत खुश हूं.

प्रीति बचपन से ही मेधावी छात्र रही हैं. दसवीं में 77 प्रतिशत और 12वीं में 87 प्रतिशत अंक प्राप्त किए. इसके बाद उन्होंने दिल्ली के लक्ष्मी बाई कॉलेज से हिंदी में ग्रेजुएशन किया, जिसमें उन्हें 76 प्रतिशत अंक मिले. इसके बाद उन्होंने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) से हिंदी में एम.फिल और पीएचडी किया. जेएनयू दिल्ली में आने के बाद प्रीति को यूपीएससी के बारे में पता चला और उन्होंने एमफिल की पढ़ाई के दौरान तैयारी शुरू कर दी. प्रीति ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि वह रोजाना 10 घंटे पढ़ाई करती थी, उसी मेहनत की बदौलत आज उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है.

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