करनाल । करनाल में किसानों और पुलिस के बीच हुए टकराव के मामले को लेकर हरियाणा सरकार ने शुक्रवार को अपना जवाब दाखिल किया. बता दें कि सरकार की ओर से करनाल रेंज के आईजी ममता सिंह ने अपने जवाब में कहां कि एसडीएम के इशारे पर किसानों के सिर पर पुलिस द्वारा वार करने की बात गलत है. साथ ही उन्होंने बताया कि एसडीएम आयुष सिन्हा घटना स्थल से 13 किलोमीटर दूर थे. शांतिपूर्वक प्रदर्शन का आश्वासन देने के बाद भी प्रदर्शनकारी कानून व्यवस्था को हाथ में लेते रहे.
हरियाणा सरकार ने किया अपना जवाब दाखिल
याचिकाकर्ता ने पहले पुलिस पर क़ससी से वार किया था, वह हमला करने के दौरान नीचे गिर गया जिसकी वजह से वह घायल हो गया. जिस पुलिसकर्मी पर उसने कस्शी से वार किया था, उसी ने उसे प्राथमिक चिकित्सा सहायता दी थी. साथ ही उन्होंने बताया कि इस घटना में कई पुलिसकर्मी जख्मी हुए थे.अब 24 सितंबर को हाई कोर्ट इस मामले की सुनवाई करेगा.
आईजी ने विरोध प्रदर्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के कई आदेशों का हवाला भी दिया. आईजी ने कहा कि शीर्ष अदालत कह चुकी है कि विरोध प्रदर्शन प्रत्येक का अधिकार है लेकिन इसमें आम लोगों को नुकसान नहीं होना चाहिए. साथ ही सड़के नहीं रोकी जानी चाहिए. हरियाणा में पिछले लंबे समय से सड़कों को रोका गया, जिससे शीर्ष अदालत के आदेशों का उल्लंघन हुआ. बता दें कि करनाल के मनीष लाठर सहित अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर बताया था कि करनाल के तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा ने प्रदर्शनकारियों के सर फोड़ने का पुलिस को आदेश दिया था. यह आदेश सीधे तौर पर किसानों के संवैधानिक और मौलिक अधिकारों का हनन है. एसडीएम के आदेश पर लाठीचार्ज किया गया जिसमें कई किसानों को गंभीर चोट आई.
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