करनाल | करीब एक साल पहले केंद्र द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के विरोध में शुरू हुआ किसान आंदोलन का मुख्य केंद्र हरियाणा राज्य ही रहा. करनाल में किसानों के ऊपर पुलिस लाठीचार्ज मामला पूरे देश में सुर्खियों में रहा जिसके बाद प्रशासन और प्रदेश की बीजेपी सरकार के ऊपर कई गंभीर सवाल उठाए गए.
बुधवार 22 सितंबर को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हरियाणा कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक हुई. कैबिनेट की बैठक के दौरान 28 अगस्त को किसान प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई को लेकर भी चर्चा हुई और महत्वपूर्ण फैसला भी लिया गया. हरियाणा सरकार ने 28 अगस्त, 2021 को करनाल में बसताड़ा टोल प्लाजा पर हुए घटनाक्रम की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच सुनिश्चित करने के लिए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सोमनाथ अग्रवाल (सेवानिवृत्त) को जांच आयोग नियुक्त किया है.
आयोग 28 अगस्त, 2021 को करनाल में उत्पन्न परिस्थितियों के साथ-साथ पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल प्रयोग तक के घटनाक्रम की जांच करेगा. आयोग 28 अगस्त, 2021 को उक्त परिस्थिति के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों का पता लगाएगा. पुलिस की कार्रवाई में करनाल उप-मंडल दंडाधिकारी आयुष सिन्हा की भूमिका की जांच भी करेगा. आयोग आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना के प्रकाशन की तिथि से एक मास की अवधि के भीतर जांच पूरी करके राज्य सरकार को रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा.
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