हिसार | हरियाणा राज्य में इस बार मॉनसून ने जबरदस्त रूप से अपनी सक्रियता दर्ज करवाई. इस बार प्रदेश में रिकॉर्ड तोड़ मानसूनी बारिश हुई है. अन्य वर्षों के मुकाबले इस वर्ष मॉनसून देर तक सक्रिय रहा है. कृषि मौसम विज्ञान विभाग द्वारा हरियाणा राज्य में मानसून की स्थिति को लेकर पूर्वानुमान जारी किया गया है.
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभाग अध्यक्ष डॉ. मदन खिचड़ द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, हवाओं में बदलाव की संभावना को देखते हुए अगले चौबीस घण्टों में मानसूनी हवाएँ कमजोर पड़ने की संभावना बन रही है. जिससे राज्य में 10 अक्टूबर तक मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील रहने व बीच-बीच में हल्के बादल संभावित हैं. इस दौरान पाश्चिमी हवाएँ चलने की संभावना को देखते हुए अगले तीन-चार दिनों में हरियाणा राज्य से दक्षिण पाश्चिमी मानसून की विदाई/वापसी की परिस्थितियां बनने की संभावना बन रही है.
मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, अरबसागर में बने एक कम दबाब का क्षेत्र व साथ में पंजाब के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन व बनने से नमी वाली हवाएँ राज्य की तरफ आने से हरियाणा राज्य में उत्तर व पाश्चिमी क्षेत्रों में 2 अक्तूबर से 5 अक्तूबर के दौरान बीच- बीच में हवायों और गरज चमक के साथ कुछ एक क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई.
जानकारी के लिए बता दें कि हरियाणा राज्य में इस साल मॉनसून लंबे समय तक सक्रिय रहा. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि आमतौर पर मॉनसून 20 से 25 सितंबर के बीच वापस लौट जाता है. मौसम विभाग का यह भी कहना है कि आज से ही उत्तर-पश्चिमी राज्यों से मॉनसून वापस लौटता हुआ नजर आएगा.
मॉनसून के इस सीजन के आंकड़ों की बात करें तो हरियाणा में 1998 के बाद से इतनी रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई है. बारिश के आंकड़ों की बात करें तो हरियाणा में इस सीजन में ओवरआल 543.7 एमएम बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से 20 फीसद अधिक है. 1 जून से 24 सितम्बर तक हरियाणा राज्य में 566.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई जो सामान्य बारिश (439.4 मिलीमीटर) से 29 प्रतिशत ज्यादा हुई है.
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